प्रसूता की मौत पर परिजनों ने निजी अस्पताल पर किया हंगामा

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वाराणसी। चौबेपुर थाना क्षेत्र के नरायनपुर दलित बस्ती की रहने वाली निधि पुत्री सुरेश कुमार 22 वर्ष की सोमवार को देर रात मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर डूबकियां बाजार स्थित अस्पताल पर जमकर हंगामा किया।

मृतका के चाचा नरेश कुमार ने बताया कि उनकी गर्भवती भतीजी निधि को पिछले 17 अक्टूबर को गांव की आशा कार्यकत्री ने डूबकियां बाजार स्थित शिवलोक हास्पिटल में भर्ती कराया। जहां 18 अक्टूबर को अस्पताल संचालिका ने आपरेशन कर प्रसव कराया।

परिजनों के अनुसार महिला चिकित्सक ने आपरेशन के बाद टांका लगाया। तीसरे दिन ही उसमें से पश निकलने लगा। चिकिस्तक‌ ने शीघ्र ही ठीक होने का आश्वासन देते हुए 26 अक्टूबर को डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन घर जाने पर पश निकलना बन्द नहीं हुआ और उसमें दुर्गन्ध आने लगी। इस पर परिजनों ने 28 अक्टूबर को पुनः अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक ने दो दिन उपचार किया। लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ, तो सोमवार को परिजनों ने मरीज को दूसरे जगह भर्ती कराने के लिए डिस्चार्ज करने का अनुरोध किया।

चिकित्सा कर्मियों ने चिकित्सक के आने पर ही छोड़ने की बात कही। रात लगभग 7 बजे मरीज बेहोश हो गई। तब चिकित्सक आई और उसे अपनी गाड़ी में लाद कर हरहुआ स्थित एक चिकित्सालय में ले गयी। वहां के डाक्टर ने देखते ही बीएचयू के लिए रेफर कर दिया। उस अस्पताल से बाहर होते ही प्रसूता की मौत हो गई। शव लेकर परिजन डूबकियां बाजार स्थित शिवलोक हास्पिटल पर आकर हंगामा करने लगे। वहीं पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।

पुलिस ने लोगों को यह कहकर वहां से हटा दिया कि जब तहरीर मिलेगी तो कार्यवाही होगी। परिजनों के अनुसार ग्रामप्रधान नरायनपुर  व पुलिस ने उन्हे डेढ़ लाख रुपये दिला कर मामले को रफा दफा करा दिया।

इस बाबत आरोपित चिकित्सक ने बताया मरीज को डेंगू हुआ था। जब उनसे जांच रिपोर्ट मांगी गई तो नहीं दिखा सकी। वहीं चिरईगांव पीएचसी प्रभारी डॉ. अमित सिंह ने बताया कि इस अस्पताल की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। प्रकरण के साथ आशा कार्यकत्री के भी भूमिका की जांच की जायेगी।

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