वाराणसी में ईसीजी और थ्रांबोलाइसिस से हृदय रोगियों को नई जीवनरक्षा सुविधा, 48 हजार से अधिक मरीजों को मिला लाभ
वाराणसी। जिले में हृदय रोगियों को बेहतर उपचार और त्वरित चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ईसीजी जांच एवं थ्रांबोलाइसिस प्रक्रिया को लगातार सशक्त किया जा रहा है। इस माह अब तक 3048 ईसीजी परीक्षण किए गए हैं, जिनसे हृदय और श्वसन संबंधी गंभीर बीमारियों की समय पर पहचान संभव हुई। इन जांचों के परिणामस्वरूप 6 रोगियों को थ्रांबोलाइसिस प्रक्रिया (इंजेक्शन टेनेक्टप्लेस के माध्यम से) द्वारा जीवनरक्षक उपचार प्रदान किया गया। दिसंबर 2023 से अब तक 48,572 मरीजों का ईसीजी परीक्षण किया जा चुका है, जिनमें से 181 रोगियों को थ्रांबोलाइसिस प्रक्रिया द्वारा जीवनदान मिला है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (यूपीएचसी) में ईसीजी जांच की सुविधा सुचारू रूप से संचालित हो रही है। सीएमओ ने बताया कि इन सेवाओं की सफलता को देखते हुए प्रदेश के अन्य जनपदों में भी “स्टेमी कार्यक्रम” (ST-Elevation Myocardial Infarction) लागू किया जा रहा है, जो हृदयाघात के गंभीर मामलों में त्वरित उपचार सुनिश्चित करता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को ईसीजी मशीन और रेफ्रिजरेटर से सुसज्जित किया गया है। साथ ही, महानिदेशालय (परिवार कल्याण), लखनऊ से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार वैक्सीन के सुरक्षित भंडारण हेतु कोल्ड चेन प्वाइंट्स शहरी क्षेत्र के चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला चिकित्सालयों में स्थापित किए गए हैं। यहाँ डीप फ्रीजर और आईएलआर (आइस लाइन रेफ्रिजरेटर) की व्यवस्था की गई है, जिनकी निगरानी अब ऑनलाइन ऐप के माध्यम से की जा रही है ताकि वैक्सीन की गुणवत्ता हर समय बनी रहे।

