अस्सी घाट पर बही सुरों की बयार: डॉ. श्रुति उपाध्याय की प्रस्तुति ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
वाराणसी। “सुबह ए बनारस” कार्यक्रम के अंतर्गत अस्सी घाट पर सुरों की ऐसी रचना बिखरी कि समस्त वातावरण संगीतमय हो गया। सुप्रसिद्ध गायिका और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की सहायक प्रवक्ता डॉ. श्रुति उपाध्याय ने अपने मधुर स्वरों से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने प्रातःकालीन राग विलासखानी तोड़ी से की, जिसमें विलम्बित ख्याल “नीके घुँघरिया ठुमकत चाल चलत अलबेली सी” और द्रुत ख्याल “तजरे अभियान ज्ञानी गुनीजन को” प्रस्तुत किया। इसके पश्चात राग मांड पर आधारित भजन “मेरी हरि जूं तो कहीयो बात” ने आध्यात्मिक माहौल रच दिया।

डॉ. उपाध्याय की शिष्या सुश्री वान्या सिंह (अमेरिका) ने सहगायिका के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज की। तबले पर पं. राजेन्द्र मिश्रा (बनारस घराना) और हारमोनियम पर हर्षित उपाध्याय ने संगत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रेमनारायण सिंह ने किया। अंत में आयोजक मंडल की ओर से डॉ. श्रुति उपाध्याय को सम्मानित किया गया। श्रोताओं ने इस संगीतमय भोर की खूब सराहना की।

