मंडलायुक्त ने विकास कार्यों का जाना हाल, बोले, परियोजनाओं में देरी बर्दाश्त नहीं, मैनपावर बढ़ाकर पूरा कराएं काम 

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वाराणसी। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा की। इसमें जिले की प्रमुख विकास परियोजनाओं की स्थिति, चुनौतियां और समाधान पर चर्चा की गई। बैठक में मंडलायुक्त ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि किसी भी परियोजना में अनावश्यक देरी को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ ससमय पूरा करने के लिए मैनपावर बढ़ाई जाए और हर कार्य पर नियमित निगरानी रखी जाए। 

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कमिश्नर ने परियोजनाओं के लिए नामित नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे परियोजनाओं की प्रगति पर लगातार नजर रखें। यदि लापरवाही पाई गई, तो सीधे नोडल अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। राजलिंगम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगली बैठक में वे प्रत्येक परियोजना की विस्तृत जानकारी के साथ उपस्थित हों। सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लगातार अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए संबंधित के विरुद्ध पत्र प्रेषित करने का आदेश भी दिया गया।

बैठक में जिले की छह निर्माणाधीन सड़कों, निफ्ट कैंपस, जाल्हूपुर स्थित दिव्यांग आवासीय विद्यालय, सारनाथ से रिंग रोड को जोड़ने वाली एलिवेटेड सड़क और पांडेयपुर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज की समीक्षा की गई। एसडीएम सदर को मेडिकल कॉलेज की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई।

यूपीपीसीएल को चंद्रावती घाट की परियोजना को मानसून से पहले हर हाल में पूरा करने का निर्देश दिया गया। वहीं, पीडब्ल्यूडी सीडी-1 को वाराणसी-भदोही चार लेन चौड़ीकरण कार्य को 20 दिनों के भीतर पूर्ण करने को कहा गया। रेलवे अधिकारियों को अन्धारापुल और चौकाघाट पर ट्रैफिक जाम की समस्या के स्थायी समाधान हेतु चौड़ीकरण से संबंधित सर्वे एक सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया गया। बैठक में एडीएम सिटी आलोक वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट रवि शंकर सिंह, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, रेलवे, पुलिस सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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