नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत जनपद स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन

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वाराणसी। नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय सभागार में जनपद स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने की। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में न्यूट्रिशन इंटरनेशनल (एनआई) संस्था ने सहयोग प्रदान किया। 

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इस अवसर पर सीएमओ ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के साथ ही प्रसव कक्ष में नवजात शिशु की देखभाल वहां स्थित न्यू बोर्न केयर कॉर्नर के माध्यम से करने की बात कही। उन्होंने कहा कि समय से पूर्व जन्मे व कम वजन के नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन व देखभाल के लिए स्वास्थ्य इकाइयों पर स्थापित सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) एवं न्यूबोर्न स्टेबलाइज़ेशन यूनिट (एनबीएसयू) को लगातार सुदृढ़ किया जाए। साथ ही एसएनसीयू और एनबीएसयू से डिस्चार्ज होने वाले कम वजन के नवजात शिशु (एलबीडब्ल्यू) या समय से पहले जन्मे (प्री-मैच्योर) शिशुओं की घर पर आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भ्रमण के दौरान विशेष देखभाल करने पर पूरा ज़ोर दिया।

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उन्होंने लगातार फॉलो अप करने का निर्देश भी दिया। इसके अलावा सामुदायिक स्तर पर संचालित किए जा रहे होम बेस्ड न्यूबोर्न केयर (एचबीएनसी) व होम बेस्ड यंग चाइल्ड केयर (एचबीवाईसी) यानि गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम को सुदृढ़ करने पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नवजात शिशु के जीवन की बेहतर शुरुआत के लिए स्वास्थ्य इकाइयों के सामुदायिक कार्यकर्ताओं एवं परिवार की अहम भूमिका होती है। इसलिए इस बार की थीम “समुदाय के माध्यम से नवजात शिशु के जीवन का पोषण स्वास्थ्य - सुविधा व सहभागिता” निर्धारित की गई है।

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आशा कार्यकर्ता सिखाएं होम बेस्ड केएमसी विधि- सीएमओ ने कहा कि समय से पूर्व जन्मे व कम वजन के नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन व देखभाल के लिए आशा कार्यकर्ता के द्वारा गृह भ्रमण के दौरान मां और उसके परिवार को होम बेस्ड कंगारू मदर केयर विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए। इस विधि में त्वचा से त्वचा का संपर्क होने से शिशु को काफी आराम मिलता है। मां के साथ घर का कोई भी सदस्य इस विधि को कर सकता है। एक दिन में पांच से छह बार और हर बार कम से कम एक घंटे के लिए केएमसी विधि की जा सकती है।

टीकाकरण भी बेहद जरूरी- सीएमओ ने कहा कि चिकित्सक की सलाह के अनुसार शिशु को जन्म के समय लगने वाले सभी टीके अवश्य लगवाएं। टीकाकरण से शिशु की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण का खतरा भी कम रहता है।   
 

यहां होंगी गतिविधियां - कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ. एचसी मौर्य ने बताया कि आगामी दिनों में जिला महिला चिकित्सालय व चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) पर हेल्दी बेबी शो का आयोजन किया जाएगा। साथ ही अराजीलाइन सीएचसी, चोलापुर सीएचसी, सेवापुरी पीएचसी, चिरईगांव पीएचसी, हरहुआ पीएचसी और बड़ागांव पीएचसी पर जन जागरूक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।

न्यूट्रिशन इंटरनेशनल की मंडलीय समन्वयक अपराजिता सिंह ने बताया कि इस साल अप्रैल से अब तक चोलापुर सीएचसी पर संचालित एनबीएसयू में 300 और अराजीलाइन सीएचसी में 85 नवजात शिशुओं को भर्ती किया जा चुका है, सभी स्वस्थ होकर घर गये, जिनका फॉलो अप आशा कार्यकर्ता के द्वारा किया जाना चाहिए।     

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ. एचसी मौर्य, एसीएमओ डॉ. एके मौर्य, डॉ. संजय राय, डॉ. एसएस कनौजिया, डॉ. पीयूष राय, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक संतोष सिंह, एनआई संस्था की मंडलीय समन्वयक अपराजिता सिंह समेत समस्त ग्रामीण व नगर स्तरीय सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षक, प्रभारी व अन्य चिकित्साधिकारी कार्यशाला में शामिल रहे।

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