नृसिंह मंदिर में सुंदरकांड पाठ से भक्तिमय हुआ वातावरण, गूंजा हरि नाम संकीर्तन

मंदिर प्रबंधन की ओर से आयोजन को विशेष स्वरूप देते हुए स्वयंभू श्री नृसिंह भगवान और पवनपुत्र हनुमान जी के विग्रहों का अत्यंत मनोहारी शृंगार किया गया। भगवान नृसिंह को पीले रंग की रेशमी धोती से सजाया गया, जबकि हनुमान जी को लाल रंग की आकर्षक पोशाक पहनाई गई। इन दिव्य स्वरूपों के दर्शन से श्रद्धालुओं के हृदय श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत हो उठे।
पूरे मंदिर परिसर में अध्यात्म का वातावरण गहराता गया जब श्री लाट भैरव भजन मंडल के गायकों ने सुंदरकांड का संगीतमय पाठ आरंभ किया। भजन मंडल की मधुर वाणी और ताल-लय में गूंजते मानस के मंत्रों ने जैसे वातावरण को भाव-विभोर कर दिया।
सुंदरकांड के पूर्णाहुति के बाद हरिभजनों की स्वर लहरियों से सारा मंदिर प्रांगण झंकृत हो उठा। "एक दिन गईली गंगा तीरे, देखली दिव्य मंदिर..." जैसे भजनों पर श्रद्धालुओं का मन झूम उठा और वातावरण भक्तिरस में सराबोर हो गया।
कार्यक्रम के समापन पर भगवान श्री नृसिंह और हनुमान जी की भव्य आरती उतारी गई। आरती के दौरान उपस्थित श्रद्धालु गगनभेदी जयघोष करते हुए भावविभोर दिखाई दिए।
इस विशेष अवसर पर प्रमुख रूप से रमेश तिवारी, केवल कुशवाहा, गोविंद, धर्मेंद्र शाह, शिवम अग्रहरि, डॉ. भरत लाल जायसवाल, उत्कर्ष कुशवाहा, चंद्रिका प्रसाद, जयप्रकाश राय, रुद्र अग्रहरि, कृष्णा यादव, नमन, विनोद अग्रहरि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।