बारिश में बढ़ रहा डेंगू-मलेरिया का खतरा, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, स्कूल यूनिफार्म को लेकर जारी की एडवाइजरी 

नले
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वाराणसी। बारिश के दिनों में जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। स्कूली बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल यूनिफार्म को लेकर एडवाइजरी जारी की है। शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से समस्त निजी, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि प्रतिदिन छात्र-छात्राएं पूरी बाजू की शर्ट, फूल लेंथ की पैंट, जूता मोजा पहन कर विद्यालय आएं। 

मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि डेंगू एवं मलेरिया का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में बीमारियों से छात्र-छात्राओं के बचाव के लिए समस्त अध्यापकों को अपने स्तर से यह जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने समस्त प्रधानध्यापकों से अपील की है कि प्रतिदिन पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े यथा, पूरी बाजू के फूल शर्ट एवं फूल पैंट, मोजे, जूते पहन कर विद्यालय आने के लिए छात्रों को निर्देशित करें। इसके लिए जनपद के समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों, एवं प्रधानाध्यापकों को निर्देश भेजा गया है। 

सीएमओ ने कहा कि समस्त राजकीय, अशासकीय, वित्तविहीन विद्यालयों (समस्त बोर्ड) में प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं शिक्षा निदेशक (बेसिक) उत्तर प्रदेश के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के लिए अपने स्तर से निर्देश जारी किया जाए। साथ ही समस्त विद्यालय प्रबंधन से अनुरोध किया गया है कि विद्यालय परिसर में जलजमाव की स्थिति न हो, परिसर में जल भराव के निस्तारण तथा साफ सफाई की उचित व्यवस्था का भी ध्यान रखा जाए, जिससे मच्छर न पनपने पाएं। कूलर के पानी को प्रति सप्ताह खाली करें एवं गमलों, कबाड़ व अन्य कंटेनर की सत्त निगरानी करें, ताकि कहीं भी मच्छर के लार्वा पैदा न हो सकें।

स्कूल प्रबन्धन समिति के सदस्यों का उनके मासिक बैठक में दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों तथा जल जनित रोगों पर संवेदीकरण करें। यदि विद्यालय में अधिक संख्या में छात्र बुखार पीड़ित हों तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र व चिकित्सालय से संपर्क कर डॉक्टर बुलाएं एवं समस्त बुखार पीड़ित छात्रों का चिकित्सीय परीक्षण कराते हुए समुचित चिकित्सा की व्यवस्था की जाए।

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