श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास की बैठक में काशी को धर्मनगरी घोषित करने की उठी मांग
वाराणसी। श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास की हुई विशेष बैठक में काशी को धर्म नगरी घोषित करने के लिए प्रदेश सरकार से गुहार लगायी गयी। बैठक में बताया गया कि इसके लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्रक भी दिया गया है। पत्रक में उल्लेख किया गया है कि हरिद्वार, उज्जैन, ऋषिकेश, वृंदावन आदि की तर्ज पर काशी को भी धार्मिक नगरी घोषित किया जाए। साथ ही देवों के देव महादेव आदि विश्वेश्वर का अविमुक्त पंचकोस क्षेत्र से संपूर्ण मांस, मछली के अलावा सभी वैध, अवैध बूचड़खाने तत्काल बंद किया जाए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी ने बताया कि ज्ञानवापी मंदिर मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। एएसआई जांच कमेटी की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से वहां मंदिर होने का ही इशारा कर रही है, यह सत्य की जीत है। हम सभी न्यास के माध्यम से हिंदू समाज में भी जनजागरण का कार्य तेज करेंगे। हम सभी न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं।
पूर्ण विश्वास है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर धाम की तर्ज पर बहुत जल्द ही काशी में आदि विश्वेश्वर महादेव का मंदिर मूर्तरूप लेगा। इसके लिए समस्त बाधाओं को पार करते हुए हिंदू समाज को तन-मन-धन के समर्पण भाव से आगे आना होगा। बैठक में डॉ. राम प्रसाद सिंह, राजेश भाटिया, संजीव चंद्र त्रिपाठी, सर्वेश अग्रवाल, प्रशांत अग्रवाल, अनुज डिडवानिया, दीपक सिंह, पवन पाठक, अनुराग त्रिवेदी, अजय शास्त्री, सुनील अग्रवाल, विकास शाह, बांकेलाल आदि उपस्थित थे।
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