आर्य महिला पीजी कॉलेज में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन, प्रो. रीता बहुगुणा जोशी बोलीं - महिला सशक्तिकरण पर संवाद की भूमिका महत्व

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वाराणसी। आर्य महिला पीजी कॉलेज में शनिवार को प्रख्यात नेत्री स्व. कमला बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि संवाद लोकतंत्र में एक मजबूत राष्ट्र निर्माण का आधार है। प्रतियोगिता का विषय था, “क्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है?” इस पर चर्चा के दौरान प्रो. जोशी ने कहा कि भारत की दार्शनिक और सांस्कृतिक परंपराओं में स्त्री-पुरुष को बराबरी का दर्जा दिया गया है। हालांकि, समय के साथ सामाजिक रूढ़ियों ने महिलाओं की स्थिति को प्रभावित किया है। 

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प्रो. जोशी ने उल्लेख किया कि आज महिलाएं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, लेकिन अब भी एक बड़ी संख्या विकास की प्रक्रिया में समुचित स्थान पाने से वंचित है। उन्होंने प्राचीन वैदिक काल का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय महिलाओं को वेद अध्ययन, युद्ध कला में निपुणता हासिल करने और स्वयंवर में वर चयन की स्वतंत्रता थी, जो उनकी स्वतंत्रता का प्रतीक है। 

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कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात लेखिका डॉ. नीरजा माधव ने की। प्रो. भावना त्रिवेदी ने विषय प्रस्तावना की, जबकि संचालन प्रो. जया मिश्रा ने किया। दीप प्रज्ज्वलन और कुलगीत से शुरू हुए इस कार्यक्रम में कॉलेज की प्राचार्य प्रो. रचना दूबे, डॉ. शशिकांत दीक्षित, डॉ. अशोक सिंह और अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।

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वाद-विवाद प्रतियोगिता के नतीजे

इस प्रतियोगिता में अंजलि भगत (पक्ष) को प्रथम, सुरभि गुप्ता (पक्ष) को द्वितीय और अनन्या सिंह (विपक्ष) को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। श्रेया सिंह को विशेष प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। निर्णायक मंडल में निर्मल जोशी, प्रो. विश्वनाथ मिश्रा और डॉ. भानुमति मिश्रा शामिल थे।
 

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