‘दस्तक अभियान’ से शहर से दूर भगाएंगे डेंगू व मलेरिया, बनारस में 2600 आशा कार्यकर्ताओं को दी गई जिम्मेदारी, घर-घर दस्तक देकर जुटाएंगी डाटा
- डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, टीबी, कुष्ठ समेत बुखार के रोगियों को करेंगी चिन्हित
- परिवार के सभी सदस्यों की आभा आईडी बनाने पर भी दिया जाएगा ज़ोर
वाराणसी। मानसून के शहर में दस्तक देने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग एक्टिव जो चुका है। स्वास्थ्य महकमा मच्छर व उससे होने वाले बीमारियों को लेकर अलर्ट मोड पर है। ऐसे में विभाग के ओर से गुरुवार को जनपद में ‘दस्तक अभियान’ की शुरुआत की गई है। जिसके जरिए घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मच्छरों को भगाने का काम करेंगे। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ० संदीप चौधरी ने दी।
सीएमओ ने कहा कि दस्तक अभियान में आशा कार्यकर्ताएं घर-घर जाकर दरवाजा खट-खटाएंगी और परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगी। बुखार समेत डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, टीबी, कुष्ठ एवं जल जनित रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करेंगी। साथ ही उन्हें जांच व उपचार के लिए प्रेरित करेंगी। अभियान में परिवार के सभी सदस्यों की आभा आईडी बनाने पर भी विशेष ज़ोर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आभा आईडी, हेल्थ अकाउंट की तरह है, जिसमें व्यक्ति के समस्त स्वास्थ्य का विवरण होता है। उन्होंने समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देशित किया कि अभियान की प्रतिदिन मॉनिटरिंग व समीक्षा की जाए। ई-कवच पोर्टल पर समस्त अभियान की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग की जाए। संचारी रोगों की रोकथाम के लिए सभी विभाग मिलकर कार्य करेंगे। साथ ही ‘स्टॉप डायरिया अभियान’ के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस पैकेट व जिंक टैबलेट का वितरण करें।
सीएमओ ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के पूर्व से चिन्हित हॉट स्पॉट (उच्च जोखिम) क्षेत्रों में सघन पर्यवेक्षण करते हुए एंटी लार्वीसाइड छिड़काव, फोगिंग और साफ-सफाई का कार्य कराया जाए। गठित वेक्टर सर्विलान्स टीम मच्छर जनित स्रोतों की सतत निगरानी करे। किसी क्षेत्र में पॉज़िटिव रोगी मिलने पर रेपिड रिस्पोंस टीम वहाँ जाकर समुचित उपचार करे। गंभीर स्थिति होने पर नजदीकी चिकित्सालय और सीएचसी पीएचसी रेफर करें। स्वास्थ्य कार्यकर्ता उस क्षेत्र में निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ एसएस कनौजिया ने कहा कि आशा कार्यकर्ताएं संभावित रोगियों को चिन्हित करने के साथ–साथ वेक्टर, जल, मूषक, सुकर जनित रोगों के लक्षण, कारण, जांच, उपचार और बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दें। इन रोगों से बचाव के जागरूकता के लिए स्टीकर, पोस्टर आदि चस्पा किए जाएं। इन समस्त कार्यों के लिए क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशाओं का पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी। इस अभियान के जरिये स्वास्थ्य शिक्षा एवं व्यवहार परिवर्तन के संदेश गाँव व शहर के हर एक घर और परिवार तक पहुंचाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि अभियान के लिए 26 सौ से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जो घर-घर जाकर संभावित रोगियों की पहचान कर उन्हें चिन्हित करेंगी। वेक्टर और लार्वा सर्विलान्स के लिए 16 टीमें तैयार की गई हैं। शहरी क्षेत्र में रेंडम लार्वा जांच के लिए 19 सुपरवाइज़र तैनात किए गए हैं। पर्यवेक्षण के लिए 11 मलेरिया निरीक्षक तैनात किए गए हैं। नियमित छिड़काव के लिए 11 कर्मियों को तैनात किया गया है।
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