कृषि-जैव विविधता पर देशव्यापी परियोजना की समीक्षा बैठक
वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर में कॉन्सोर्टिया रिसर्च प्रोजेक्ट (सी. आर. पी. एग्रो-बायोडायवर्सिटी) के तहत, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित एवं राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, नई दिल्ली के दिशा निर्देशन में चल रहे परियोजना के अंतर्गत सब्जी फसलों में हो रहे शोध कार्यों की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई।
इस परियोजना का संचालन देश के छः शोध संस्थानों जिनमें भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु एवं राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, नई दिल्ली व थ्रिसुर में हो रहा है।
इस समीक्षा कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह एवं सह-अध्यक्षता भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. टी. के. बेहेरा ने किया। छः संस्थानों के परियोजना समन्वयकों ने किए गए कार्यों एवं प्रगति को प्रस्तुत किया। इस परियोजना में बैगन, खीरा, भिन्डी की जैव विविधता एवं रोग प्रतिरोधी क्षमता पर विशेष रूप से शोध किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का संचालन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेश तिवारी ने किया। राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो, नई दिल्ली से डॉ. सुशील पांडेय, डॉ. चित्रा देवी एवं डॉ. प्रज्ञा ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में फसल उन्नयन संभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र रॉय, डॉ. पी. एम. सिंह इत्यादि उपास्थित थे।
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