काशी के पौराणिक शिवपुर तालाब पर भू-माफियाओं के कब्जे का आरोप, कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने किया नगर आयुक्त से शिकायत
वाराणसी। जिला और महानगर कांग्रेस कमेटी वाराणसी के पादाधिकारियों एवं पार्षद दल के नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को नगर निगम मुख्यालय पहुंच नगर आयुक्त अक्षत वर्मा से शिवपुर तालाब को भू- माफियाओं द्वारा पाट कर कब्जा किये जाने की शिकायत किया। इस कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने विस्तार से उन्हे अवगत कराते हुए संलग्नक दस्तावेजों के साथ उन्हें सामूहिक हस्ताक्षर उक्त ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने वाले कांग्रेस नेताओ ने कहा कि काशी पंचक्रोशी परिक्रमा के चौथे पड़ाव के रूप में मशहूर शिवपुर पंचकोशी मार्ग स्थित ऐतिहासिक महत्व के धार्मिक तालाब (जिसका अराजी नं० 69 मौजा एवं परगना शिवपुर तहसील सदर वाराणसी ) इस तालाब पर जहां माता जिउतिया का पूजन एवं प्रसिद्ध प्याला का मेला लगता था। वही पंचकोसी परिक्रमा करने वाले यात्री खाना बनाकर, खाकर , वही विश्राम करके पुनः अपने अगले पड़ाव को प्रस्थान करते थे। यह तालाब सैकड़ो पेड़ों से आच्छादित था, तालाब में तमाम जलचर जीव जंतु थे, पशु /पक्षियों का घरौंदा हुआ करता था, आस पास के पुराने लोग बताते है कि कभी यहां साइबेरियन पंछी भी आती थी, वर्ष पर्यंत यह तालाब जल से भरा रहता था।ऐसे जीवंत सार्वजनिक तालाब को पहले अवैध कबजेदारों ने धारा 229 B. कराकर भ्रष्ट अधिकारियों /कर्मचारियों की मिली भगत से अपना नाम कपट पूर्वक दर्ज कराकर जब उसे मिट्टी डालकर पाटा जाने लगा तो आस पास के क्षेत्रीय नागरिकों ने इसका पुरजोर विरोध किया।
इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद का दरवाजा खटखटाया गया। जहां याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के निर्देश पर वाराणसी मंडल के तत्कालीन मंडल आयुक्त द्वारा गठित जिलाधिकारी वाराणसी, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण वाराणसी, नगर आयुक्त नगर निगम वाराणसी एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) की चार सदस्यीय समिति से मौके एवम अभिलेखों की जांच कराई गई।कांग्रेस नेताओं ने बताया कि इस सार्वजनिक तालाब को पाट कर उसके स्वरूप को परिवर्तित करने वालों के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीमती वीणा के निर्देश पर मुख्य राजस्व अधिकारी वाराणसी की ओर से मेसर्स अलका कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एवं अन्य अवैध कब्ज्जेदारो के खिलाफ शिवपुर थाना में दिनांक 20/4/2008 को FIR भी दर्ज कराई। सन 2002 से अनवरत जारी संघर्ष की ही उपलब्धि रही है कि तत्कालीन मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण के निर्देश पर पाटे गए तालाब पर दो-दो जेसीबी लगाकर खुदाई( खनन) का कार्य प्रारंभ कराया गया , परंतु राजनीतिक हस्तक्षेप से खुदाई का कार्य अचानक बीच में ही रोक दी गई? प्रतिनिधि मंडल ने इस महत्पूर्ण पर्यावर्णीय, धार्मिक एवम सामाजिक कार्य को लछित करते हुए आराजी नं० 69 शिवपुर तालाब को भू माफियाओं से बचाने की मांग की है।
प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से राजेश्वर सिंह पटेल जिलाध्यक्ष, राघवेंद्र चौबे महानगर अध्यक्ष, गुलशन अंसारी नेता सदन पार्षद दल, प्रो. अनिल उपाध्याय, डॉ. उमापति उपाध्याय, डॉ. जितेंद्र सेठ पूर्व पार्षद, प्रमोद श्रीवास्तव, गणेश शंकर पांडे, डॉ. राजेश गुप्ता, राम श्रृंगार पटेल, विनोद सिंह कल्लू, पार्षद गण बेलाल अंसारी, असलम खान, अनिसुर रहमान अंसारी, हाजी वोकास अंसारी, अरसद लड्डु, दिलीप चौबे, पंकज चौबे, राकेश चंद्र शर्मा, अब्दुल हमीद डोडे,सुभाष राम, सतनाम सिंह, प्रमोद वर्मा, सुशील सिंह बच्चा, निमेष चंद्र गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद जयसवाल, वैभब त्रिपाठी, राजेश त्रिपाठी, देवेंद्र सिंह, ब्रह्मदत्त त्रिपाठी, गोपाल पटेल, मो. इस्लाम, कल्पनाथ शर्मा, पारस नाथ यादव, आशीष केशरी, मो. ओजैर, मनोज यादव, ओम शुक्ला, विजय सिंह बागी, रामजी गुप्ता, सहित अन्य कांग्रेस जन उपस्थित रहेl।
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