मानव श्रृंखला बनाकर मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का लिया संकल्प, असि नदी के पुनरुद्धार पर हुई चर्चा 

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- मां गंगा का जल अभी भी आचमन योग नहीं: प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्रा 

- जल संरक्षण को लेकर सरकार भी कर रही है सार्थक प्रयास: डॉ० दयाशंकर मिश्र 


वाराणसी। विश्व जल दिवस के अवसर पर शुक्रवार को संकट मोचन फाउंडेशन एवं मदर्स फॉर मदर के संयुक्त तत्वाधान में तुलसी घाट पर मानव श्रृंखला बनाकर मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में गंगा नदी सहित देश की सभी नदियों व तालाबों एवं जल संकट पर मंथन करते हुए इसके प्रति लोगों को जागरूक किया गया। 

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समारोह की अध्यक्षता करते हुए संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्रा ने कहा कि वाराणसी शहर तीन नदियों गंगा, वरुण और असो का संगम है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुल गीत में असि, वरुणा नदी का वर्णन करते हुए गीत के रचयिता देश के ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर शांति स्वरूप भटनागर ने लिखा है कि आसि वरुण में लोग स्नान करते थे और उसका पानी भी पीते थे। आज इन दोनों नदियों की स्थिति खराब है आसि और वरूणा के नाम पर ही शहर का नाम वाराणसी है। 

कहा कि इसको स्वच्छ और निर्मल किए बिना गंगा स्वच्छ नहीं हो सकती। आज मां गंगा भी प्रदूषण की मार को झेल रही है सच्चाई है कि आज गंगा का पानी पीने योग्य नहीं है। श्री मिश्र ने मां गंगा के लिए आमजन से आगे आने की अपील भी की। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ० दयाशंकर मिश्र दयाल ने कहा कि आज पानी का संकट पूरे विश्व में बढ़ता जा रहा है। बेंगलुरु सहित देश में पानी का संकट को देखते हुए केंद्र की सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने हर घर नल से जल सहित तमाम योजनाएं चला रही है। जिससे भूजल का दोहन रुक सके। इसके साथ ही गंगा सहित सभी नदियों को प्रदूषण करने के लिए एसटीपी का निर्माण करने के साथ लोगों को इसके प्रति जागरूक भी कर रही है। 

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मदर्स मदर फॉर मदर की संस्थापिका आभा मिश्रा ने मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में मातृ शक्ति से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि जब तक देश की मातृ शक्ति मां गंगा के प्रति गंभीर नहीं होगी तब तक मां गंगा प्रदूषण मुक्त नहीं होगी। आईआईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक एवं संकट मोचन फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य प्रोफेसर एसएन उपाध्याय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस बार वाटर फ़ॉर पीस का थीम दिया गया है भारत में तो शुरू से ही जल से शांति की बात कही गई है। जल से संकल्प लेकर पूरे विश्व में शांति की कामना की जाती है। उन्होंने कहा कि आज जल के लिए युद्ध की नौबत आ गई है। इसके लिए हमें जागरूक होना होगा और जल के लिए शांति से प्रयास करना होगा। 

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गोष्ठी को संबोधित करते हुए मैत्री भवन के निदेशक फादर फिलिप्स, प्रख्यात खिलाड़ी फरमान हैदर समाजसेवी रामयश मिश्रा ने कहा कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है। गोष्ठी के पश्चात मानव श्रृंखला बनी जिसमें लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ कर मां गंगा को प्रदूषण मुस्कुराने में सहयोग करने का संकल्प लिया।

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वाराणसी विकास समिति के सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र दुबे ने सबको संकल्प दिलाया। मानव श्रृंखला में भोगबीर स्पोर्टिंग क्लब के दर्जनों युवाओं ने को मां गंगा को लेकर काफी गंभीर दिखे और गगनभेदी नारे लगाते हुए मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में हर संभव सहयोग का संकल्प लिया। मानव श्रृंखला में तुलसी विद्या निकेतन के छात्र और अध्यापक भी शामिल हुए। आए हुए अतिथियों का स्वागत डॉक्टर अनूप मिश्रा, अशोक पांडे राजेश मिश्रा ने किया, कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र दुबे एवं रामयश मिश्रा ने किया तथा धन्यवाद प्रोफेसर एन के दुबे ने किया। इस अवसर पर गोपाल पांडे, स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी, विश्वनाथ यादव, विनोद पांडे, अजय पटेल, बबलू पटेल सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
 

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