सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए केंद्र सरकार निकालेगी ग्रामीण संवाद यात्रा 

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वाराणसी। सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाना और केंद्रीय योजनाओं की 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ग्रामीण संवाद यात्रा निकालेगी। जिसके संबंध में केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय में संयुक्त सचिव विपुल गोयल द्वारा सर्किट हाउस सभागार में बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी लॉगिन आईडी पासवर्ड जनरेट करते हुए डेली के क्रियाकलापों को अपलोड करना सुनिश्चित करने को कहा।

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उन्होंने शासनादेश का अनुपालन करते हुए पॉच प्रकार के स्टॉल-पेंशन योजनाओं, स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि स्टॉल, स्वयं सहायता समूह स्टॉल, बैकिंग क्षेत्र के स्टॉल को सम्बन्धित जिलास्तरीय अधिकारियों को सुनिश्चित किये जाने का निर्देश दिया। विपुल गोयल ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी बुनियादी सुविधायें प्रदान करने के लिए इस विकसित भारत संकल्प यात्रा के द्वारा जनपदवासियों को संतृप्त करते हुए आवश्यक सेवाओं को सुलभ बनाना है। समाज के अन्तिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने तथा पात्र लाभार्थियों से योजनाओं का संतृप्तिकरण इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अन्तर्गत प्रमुख योजनाओं का लाभ, लक्षित लाभार्थियों, खास तौर से वंचित व असंतृप्त लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचे तथा जनसामान्य को जागरूक करते हुए वंचितों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। 

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जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने संयुक्त सचिव के समक्ष बताया कि ग्रामीण संवाद यात्रा के प्रभावी क्रियान्वयन को पहले ही तीन बैठकें हो चुकी हैं तथा कमेटी का भी गठन करते हुए तहसील व ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर लिया गया है। प्रत्येक दिन जनपद को प्राप्त 6 एलईडी वैन दो ग्राम पंचायत व दो शहरी वार्ड में परिक्रमा करेगी। प्राप्त 6 एलईडी वैन में 5 ग्रामीण क्षेत्रों तथा 1 शहरी क्षेत्र में प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेगी। जिलाधिकारी ने आवास आवंटन में बचे लाभार्थियों को आवास सुनिश्चित करने हेतु वेबसाइट पर पंजीकरण सुविधा उपलब्ध न होने तथा आयुष्मान गोल्डन कार्ड में आने वाली टेक्निकल समस्या को भी बताया। 

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मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने स्लाइड के माध्यम से बताया कि 18 जनपद स्तरीय अधिकारियों को इसमें प्रमुख जिम्मेदारी देते हुए गांव के अंदर उत्सव व स्वागत कमेटी भी बनायी गयी है। जनपद में संकल्प यात्रा 22 नवम्बर, 2023 से प्रारम्भ होकर 26 जनवरी 2024 तक आयोजित होगी। आई.ई.सी. वैन को ऑडियो विजुअल ऐड, ब्रोशर, पम्पलेट, बुकलेट आदि के माध्यम से सूचना के प्रसार को बढ़ाया जायेगा। इसके लिए एक आई.टी. पोर्टल और एक ऐप विकसित किया गया है, जिस पर यात्रा से सम्बन्धित दैनिक प्रगति, फोटो, वीडियो अपलोड किया जायेगा।

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विकसित भारत संकल्प यात्रा के ग्राम पंचायत स्तर पर सफल आयोजन, क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु निम्न प्रकार कार्यक्रम का निर्धारण करते हुए निम्नानुसार डे-नोडल अधिकारी एवं पर्यवेक्षणीय अधिकारी नामित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को मिलाकर कुल 27 स्कीम को इसमें लिया गया है। इनका डोर टू डोर सर्वे करते हुए कई ग्राम पंचायतों को मिलाकर क्लस्टर बनाया गया है। इनमें अलग से हेल्थ कैंप, टीबी स्क्रीनिंग, सिकल सेल एनीमिया, पीएम उज्ज्वला, माय भारत युवा स्वयंसेवक, मेरी कहानी मेरी जुबानी, धरती करे पुकार, काशी समृध्दि कैंपेन अनीमिया फ्री को भी सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में ग्रामीण संवाद यात्रा से सम्बंधित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 

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ग्रामीण संवाद यात्रा- योजनाओं के संतृप्तीकरण के लिए आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा के आयोजन के सम्बन्ध में निर्देश निर्गत किये गये हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य प्रमुख योजनाओं का लाभ वंचित व असंतृप्त लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, जन सामान्य को जागरूक करते हुए वंचितो तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना, लाभार्थियों के व्यक्तिगत, कहानियां/ अनुभव साझा करने के माध्यम से सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी एकत्रित करना, यात्रा के दौरान प्राप्त विवरण द्वारा सम्भावित लाभार्थियों का नामांकन/चयन तथा स्वच्छता सुविधायें, आवश्यक वित्त पोषण सेवाएं, एलपीजी कनेक्शन, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उचित पोषण, विश्वसनीय स्वास्थ्य सुविधायें, स्वच्छ पेयजल, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आदि बुनियादी सुविधायें जैसी प्रमुख योजनाओं का संतृप्तीकरण करना है।

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ग्रामीण भारत से जुड़ने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सरकारी योजनाओं का लाभ देश के हर कोने तक पहुंचे, वर्तमान सरकार ने ग्रामीण संवाद यात्रा नामक एक योजना शुरू की है। इस यात्रा या यात्रा का उद्देश्य न केवल विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में जागरूकता फैलाना है बल्कि पूरे भारत में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों से लाभार्थियों का नामांकन करना है। इस लेख में, हम ग्रामीण संवाद यात्रा की जटिलताओं  और इसके महत्व को देखेंगे। 

प्रौद्योगिकी संचालित दृष्टिकोण -यात्रा के विश्लेषण और निष्पादन की सुविधा के लिए, 1500 रथों को जीपीएस और ड्रोन से लैस किया जाएगा। ये तकनीकी प्रगति दूरदराज के क्षेत्रों तक कुशलतापूर्वक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ग्रामीण संवाद यात्रा "संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण" की अवधारणा पर आधारित है, जो ग्रामीण भारत में व्यापक शासन की आवश्यकता पर बल देती है।

अवधि और प्रमुख पहल- पीएम किसान, पीएम मुद्रा जैसी प्रमुख योजनाओं के प्रभारी मंत्रालय योजना, पीएम जन धन योजना, पीएम आवास योजना और हाल ही में लॉन्च की गई। पीएम विश्वकर्मा योजना इस प्रयास में सक्रिय रूप से शामिल होगी। किसान, एमएसएमई, उद्यमिता, वित्तीय समावेशन, उन्हें रहने योग्य घर उपलब्ध कराना कुछ ऐसी पहलें हैं। जिन्हें ग्रामीण संवाद यात्रा में प्रदर्शित किया जाएगा। 17 सितंबर को शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना, ग्रामीण और शहरी दोनों भारत के श्रमिकों को उनके परिवारों के भीतर पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहन ऋण प्रदान करने पर केंद्रित है। 

रथ विशेषताएं- यात्रा में भाग लेने वाले रथ न केवल जीपीएस और ड्रोन से लैस होंगे, बल्कि उनमें एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन और प्री-लोडेड ऑडियो-विज़ुअल सामग्री भी होगी। इसके अतिरिक्त, वे प्रधान मंत्री का एक स्वागत संदेश पेश करेंगे, जिसमें प्रमुख केंद्रीय योजनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा और नवाचारों और नई प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। 

मौके पर ही सहायता- प्रत्येक रथ के प्रतिदिन तीन ग्राम पंचायतों को कवर करने की उम्मीद है, जिसमें चार से पांच अधिकारी होंगे। ये अधिकारी पात्र लाभार्थियों के नामांकन की सुविधा प्रदान करेंगे, योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाएंगे और शिकायतों का मौके पर ही समाधान करेंगे। यह विकेंद्रीकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि मुद्दों को जमीनी स्तर पर तुरंत संबोधित किया जाए। 

समुदाय को शामिल करना- यात्रा किसी गांव में रथ के आगमन से एक दिन पहले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके स्थानीय समुदायों को भी शामिल करेगी। "धरती कहे पुकार के" थीम के साथ, कार्यक्रम रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग और जैविक खाद को अपनाने को बढ़ावा देंगे। संस्कृति मंत्रालय इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए लगभग 7,500 कलाकारों को प्रशिक्षित करेगा, जो उपस्थित लोगों को मनोरंजन और ज्ञान दोनों प्रदान करेगा।

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