वैदिक ज्ञान अनुसंधान में सहयोग करेगा केंद्रीय तिब्बती उच्चतर अध्ययन संस्थान
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम के त्रयंबकेश्वर सभागार में गुरुवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें मंदिर अर्थव्यवस्था एवं धर्मक्षेत्र विकास का राष्ट्रीय उन्नति में योगदान विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। वहीं मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण व इंडिया थिंक काउंसिल के सौरभ पांडेय ने केंद्रीय तिब्बती उच्चतर अध्ययन संस्थान (सीआईएचटीएस डीम्ड यूनिवर्सिटी) के कुलपति प्रो वांगचुक दोरजे नेगी से मुलाकात की। इस दौरान उनसे चर्चा की। साथ ही रामलला का मोमेंटो भेंट किया। कुलपति ने वैदिक ज्ञान अनुसंधान में सहयोग का भरोसा दिलाया।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि नैमिषारण्य में प्रस्तावित वैदिक विज्ञान केंद्र की संकल्पना के संबंध में धर्मार्थ कार्य विभाग उत्तर प्रदेश के आधिकारिक नॉलेज पार्टनर, इंडिया थिंक काउंसिल के सौरभ पांडे के साथ कुलपति के साथ विस्तृत चर्चा हुई। सीआईएचटीएस पहले से ही मेडिकल एस्ट्रोलॉजी में एक पाठ्यक्रम चला रहा है जो प्रस्तावित नैमिषारण्य संस्थान के लिए अत्यधिक रुचि का विषय है। कुलपति को सम्मान स्वरूप यूपी टूरिज्म का श्री रामलला का मोमेंटो और सनातन: संवाद कथाएं की एक प्रति भेंट की गई।
कुलपति ने राष्ट्र और सामान्य रूप से समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए वैदिक ज्ञान अनुसंधान के महान उद्देश्य के लिए हर संभव तरीके से सहयोग और सुविधा प्रदान करने के लिए सहमति प्रदान की। उन्होंने बहुत उदारतापूर्वक केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान के समृद्ध पुस्तकालय और संसाधनो का उपयोग का प्रस्ताव भी दिया।
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