वाराणसी में केंद्रीय स्वास्थ्य टीम का निरीक्षण: 10 नए विजन सेंटर खोलने की तैयारी

केंद्रीय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम ने शनिवार को वाराणसी में बीएचयू के नेत्र विभाग सहित अन्य चिकित्सालयों का गहन निरीक्षण किया। यह निरीक्षण राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम और गैर-संचारी रोगों की चिकित्सकीय सेवाओं की समीक्षा के लिए पांच दिवसीय भ्रमण का हिस्सा था। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय राय ने बताया कि इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदमों पर चर्चा हुई।
बीएचयू नेत्र विभाग की उपलब्धि: 52 कॉर्निया प्रत्यारोपण
डॉ. संजय राय ने जानकारी दी कि बीएचयू के नेत्र बैंक में डॉ. आर.पी. मौर्या के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों में 32 लोगों से 64 कॉर्निया प्राप्त हुए। इनमें से 52 लोगों में सफल कॉर्निया प्रत्यारोपण कर उनकी दृष्टि बहाल की गई। इस उपलब्धि ने अंधता से जूझ रहे लोगों के जीवन में नई रोशनी लाई है।
10 नए विजन सेंटर और निःशुल्क सर्जरी की योजना
केंद्रीय टीम की सिफारिशों के आधार पर नेत्रदान और कॉर्निया प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए बीएचयू के सहयोग से वाराणसी में 10 नए विजन सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा, मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान कर निःशुल्क सर्जरी की व्यापक योजना तैयार की जाएगी। सर्जरी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ की व्यवस्था की जाएगी। निःशुल्क सर्जरी के प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
निःशुल्क चश्मा वितरण और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
वृद्धजनों के दृष्टि दोष को दूर करने के लिए निःशुल्क चश्मा वितरण की योजना बनाई गई है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में दृष्टि दोष से पीड़ित बच्चों की जांच कर उन्हें भी निःशुल्क चश्मा प्रदान किया जाएगा।
केंद्रीय टीम ने बीएचयू के नेत्र और ईएनटी विभाग, श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (मिसिरपुर, चोलापुर), और काशी विद्यापीठ ब्लॉक के आयुष्मान आरोग्य मंदिर (माधोपुर) का दौरा किया। टीम में केंद्रीय सरकार के डॉ. सी. अपर्णा (एसएमओ प्रोग्राम इंचार्ज), डॉ. राहुल पाण्डेय (टेक्निकल कंसल्टेंट), और डॉ. प्रणय शर्मा (मेडिकल कंसल्टेंट) शामिल थे। प्रदेश सरकार की ओर से डॉ. सुनील वर्मा, डॉ. आर.एस. यादव, अभय द्विवेदी, मनोज भारती, और डॉ. संजय राय ने सहयोग किया।
टीम ने नेत्र और ईएनटी विभागों के बहिरंग विभाग, ऑपरेशन थिएटर, दवाओं की उपलब्धता, रेफरल प्रक्रिया, और चश्मा वितरण व्यवस्था की जांच की। सर्जनों और ऑप्टोमेट्रिस्ट से चर्चा कर चेकलिस्ट तैयार की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा अधीक्षकों से अंधता निवारण कार्यक्रम की प्रगति जानी गई। स्टाफ नर्स, सीएचओ, एएनएम, पैरामेडिकल स्टाफ, और आशा कार्यकर्ताओं से सुझाव लेकर सेवाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए गए।
केंद्रीय स्वास्थ्य टीम अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी, जिसके आधार पर राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण और बाधिरता नियंत्रण कार्यक्रम को और सुदृढ़ किया जाएगा। केंद्रीय और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।