दिव्य, भव्य और अलौकिक देव दीपावली मनाएं जाने पर समितियों का केंद्रीय प्रतिनिधि मंडल ने जताया आभार
वाराणसी। मंगलवार 28 नवंबर को केंद्रीय देव दीपावली महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य वागीश दत्त मिश्र ने 27 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली के भव्य समापन पर सभी सहयोगियों का आभार प्रकट किया। साथ ही कहा कि दिव्य - भव्य, अद्भुत अनूठी, अलौकिक, अध्यात्मिक - जाति पंथ अनेक- सभी सनातनी एक, सिख, बौद्ध एवं जैन सभी की, सबकी वाली, सनातनी देव दीपावली के सफलतम आयोजन के लिए समस्त देव दीपावली के 5000 से ज्यादा आयोजकों, कार्यकर्ताओं देवी स्वरूप माताओं - बहनों एवं देव स्वरूप भाईयों को सादर अभिवादन आभार किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली महोत्सव के आयोजन में शासन एवं प्रशासन, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया को बहुत बहुत धन्यवाद दिया। साथ ही वाराणसी नगर निगम, पर्यटन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों का हृदय से आभार दिया। आज देव दीपावली महोत्सव के सफलतम आयोजन के बाद गंगा के घाटों पर स्वच्छता अभियान श्रमदान से चलाया गया। जिसमें घाट पर एवं गंगा में बिखरे हुए गन्दगी, निर्माल्य की सफाई की गई। जिसमें नगर निगम, गायत्री परिवार एवं निजी एजेंसियों ने भी सहयोग किया।
महासमिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित गंगाधर उपाध्याय ने कहा कि आचार्य वागीश दत्त मिश्र के नेतृत्व एवं संयोजन में देव दीपावली प्रतिवर्ष भव्यता के कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और यही कारण है कि शासन ने देव दीपावली को प्रान्तीय मेला घोषित किया है। देव दीपावली आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका आचार्य वागीश दत्त (अध्यक्ष) श्री देव दीपावली एवं आरती महासमिति, श्री गंगाधर उपाध्याय (गायत्री परिवार) वैभव कपूर (निरीक्षण एवं चयन समिति), श्यामलाल सिंह (मुख्य संरक्षक गंगा सेवा निधि), आदेश भट्ट, (विचारक) रजनी शर्मा (महिला मंच) विक्रम गौड़ (जन-संपर्क प्रभारी) रत्नाकर त्रिपाठी (प्रभारी कुण्ड तालाब) प्रदीप पाल, राजू कनौजिया एवं रमन कुमार श्रीवास्तव मंत्री एवं मीडिया प्रभारी आदि ने प्रमुख रूप से योगदान दिया।
इस वर्ष की देव दीपावली में सभी सनातनी को शामिल करने हेतु गुरुनानक देव जी, शिवाजी महाराज, नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्त घाट, जन्म भूमि पर रामलला थीम पर रंगोली प्रतियोगिता आयोजित हुई।
इस वर्ष देव दीपावली महोत्सव सनातन की एकता अखंडता पर आधारित था, जाति पंथ अनेक हम सनातनी एक शीर्षक को समर्पित कर रंगोली प्रतियोगिता का पुरस्कार जल्द ही घोषित कर दिया जाएगा। पहली बार मुंशी प्रेमचंद के गांव लमही तालाब पर एवं कबीर दास के स्थान पर दीप प्रज्जवलन हुए।
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