प्रोफेसर के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में कार एजेंसी मालिक और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज
प्रोफेसर का आरोप है कि सन 2015 में सेवर लेट कंपनी की बीट कार विनायक ऑटोमोबाइल जगतपुर रोहनिया से क्रय किया था। उनके घर पर जुलाई 2018 में विष्णु सेठ और जावेद खान नामक दो लोग पहुंचे। अपने को एमपी ऑटो मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड गोपाल विहार कॉलोनी महमूरगंज का मैनेजर और सेल्स मैनेजर पद पर कार्यरत बताया था। दोनों ने अपने कंपनी में सेवर लेट का वर्कशॉप होने के साथ 1500 रुपए जमा करने पर मेंबर बन जाने के बारे में बताया।
इसके बाद प्रोफेसर ने दोनों को 1500 रुपए दिए। उक्त दोनों आरोपी ऑटोमोबाइल का सर्विस कार्ड देकर चले गए। वर्ष 2019 में प्रोफेसर के कार का शीशा टूट गया। जिसे बनवाने के लिए वह एमपी ऑटो मोबाइल पहुंचे। वहां पहुंचने पर पता चला कि विष्णु सेठ एवं जावेद खान को कंपनी से निकाल दिया गया है और उनके स्थान पर अनुराग नामक व्यक्ति को मैनेजर पद पर रखा गया है। वह शीशा लगाने के लिए अपनी गाड़ी को कंपनी में देकर चले गए।
शीशा लगाने के बाद सुजीत कुमार नामक युवक उनके संपूर्णानंद स्थित आवास पर गाड़ी को लेकर पहुंचा। गाड़ी को चेक करने पर कार का एसी नहीं काम कर रहा था। इस पर मैनेजर अनुराग से फोन शिकायत किया। जिसके बाद अनुराग ने 9651 रुपए भुगतान करने के लिए बोला। साथ ही गाड़ी को वापस अपने यहां बुला लिया। इसके बाद ओरिजिनल पार्ट मंगवाने के नाम पर बहानेबाजी कर समय बीतने लगे।
आरोप है कि इस बीच लॉकडाउन लगने का हवाला देकर कंपनी के मालिक विवेक केसरी समय खींचने लगे। दिसंबर 2021 में महमूरगंज पुलिस चौकी पर शिकायत करने के बाद भी आरोपी धमकी देते हुए गाड़ी देने से इनकार करने लगे। पुलिस आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच में लगी है।
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