‘ब्राह्मणवाद मुर्दाबाद, मनुवाद मुर्दाबाद’ BHU में लगे आपत्तिजनक नारे, वायरल विडियो में जलाई गई मनुस्मृति की प्रतियां

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वाराणसी। महामना की बगिया बीएचयू अब आंदोलन का गढ़ बनती जा रही है। कभी आधी रात मारपीट तो कभी किसी आंदोलन की खबरें आती रहती हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें 'ब्राह्मणवाद मुर्दाबाद, मनुवाद मुर्दाबाद और जातिवाद को धवस्त करो' के नारे लगाए जा रहे हैं। वीडियो बीएचयू के भगत सिंह छात्र मोर्चा के लोगों का बताया जा रहा है। 

वायरल वीडियो 12 मिनट का है। इसमें साफ़ तौर देखा जा सकता है कि बीएचयू कैंपस में भगत सिंह मोर्चा के लगभग 10 छात्रों ने मनुस्मृति की प्रतीकात्मक प्रतियां जलाई हैं। इतना ही नहीं कथित छात्रों ने ब्राह्मण और हिंदुत्व को भी लेकर विवादित टिप्पणी की है। अब इस विडियो के वायरल होने पर कई छात्रों में आक्रोश है। 
अब इस घटना के बाद इसके विरोध में भी कई लोग उतर आए हैं। इन छात्रों ने कुछ पन्नों पर मनुस्मृति के श्लोक लिखे और ब्राह्मणवाद की छाती पर बिरसा फुले अंबेडकर के नारे लगाते हुए उनको जला दिया।

मनुस्मृति की प्रतीकात्मक प्रतियां जलाने को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी बवाल मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि बीते लगभग तीन दिनों से मनुस्मृति और हिन्दू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां देखने को मिल रही हैं। कई पुराने और नए वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिसमें लोग मनुस्मृति की प्रतियां या फिर प्रिंट हुए किताबों को जला रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बीएचयू में शांति व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है। 

भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के फेसबुक पेज पर यह वीडियो पोस्ट किया गया है। यह वीडियो करीब 12 मिनट 27 सेकेंड का है। इसमें मनुस्मृति को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उसकी प्रतियों को जलाया जा रहा है। इन छात्रों ने कहा कि, 25 दिसंबर को बाबा साहेब आंबेडकर ने जिन सामाजिक बुराइयों को देखते हुए मनुस्मृति की प्रतियां जलाई थीं। वे समस्याएं अभी भी बनी हुईं हैं। महिलाओं और शूद्रों के साथ भेदभाव अभी भी समाज में बरकरार है। बाबा साहब हिंदू धर्म की खामियों पर चोट करते थे। 

हिंदू धर्म समानता, स्वतंत्रता विरोधी

बीएचयू में मनुस्मृति की प्रतियां जला रहे छात्रों ने कहा कि, बाबा साहब आंबेडकर का मानना था कि हिंदू धर्म मैं पैदा हुआ हूं, लेकिन इस धर्म में मरूंगा नहीं। उन्होंने बौद्ध अपना लिया था। हिंदू धर्म समानता, स्वतंत्रता विरोधी है। बाबा साहब हिंदूवाद के विरोध में रहे हैं। इसलिए हम लोग मनुस्मृति को जलाने के लिए यहां पर एकजुट हुए हैं। उन्होंने चार वर्णीय व्यवस्था का विरोध किया था। बता दें कि इस दौरान मोर्चा के छात्रों ने ब्राह्मणवाद और हिंदुत्व पर टिप्पणियां कीं। ब्राह्मणवाद की छाती पर बिरसा फुले अंबेडकर, ब्राह्मणवाद मुर्दाबाद, मनुवाद मुर्दाबाद और जातिवाद को धवस्त करो जैसे नारे लगाए।

मनुस्मृति पर रिसर्च के लिए शुरू की गई फेलोशिप

बता दें कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मनुस्मृति पर रिसर्च के लिए फेलोशिप की शुरुआत हुई है। 31 मार्च 2023 को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय की ओर से मनुस्मृति रिसर्च पर फेलोशिप प्रोग्राम शुरू किया गया था। इसका विषय था 'एप्लीकेबिलकटी ऑफ मनुस्मृति इन इंडियन सोसायटी'। ऐसे में भगत सिंह मोर्चा के छात्रों द्वारा मनुस्मृति की प्रतियां जलाने को लेकर विवाद बढ़ गया है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि महामना की जिस बगिया में मनुस्मृति पर रिसर्च के लिए फेलोशिप की शुरुआत हुई वहीं पर आज ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं।
 

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