109वीं जयंती पर याद किए गए बिस्मिल्लाह खान, सम्मान में गूंजी शहनाई की धुनें, कैंट स्टेशन पर भव्य प्रतिमा लगाने की उठी मांग

संगीत अकादमी खोलने का वादा अब तक अधूरा
कार्यक्रम के संयोजक शकील अहमद जादूगर ने इस अवसर पर कहा कि 21 मार्च 1916 को बिहार के डुमरांव में साधारण परिवार में जन्मे उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने पूरी दुनिया में शहनाई वादन से भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने याद दिलाया कि उनकी मृत्यु के समय सरकार ने उनके नाम पर संगीत अकादमी खोलने का आश्वासन दिया था, जो आज तक पूरा नहीं हुआ।
शकील अहमद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो वाराणसी से सांसद भी हैं, से अपील की कि वे इस वादे को पूरा करें। उन्होंने कहा, "अगर सरकार उस्ताद बिस्मिल्लाह खान साहब की जयंती पर यह तोहफा दे, तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।"
कार्यक्रम के दौरान एक और बड़ी मांग रखी गई कि वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की एक भव्य प्रतिमा लगाई जाए। शकील अहमद ने कहा कि इससे देश-विदेश से आने वाले लोगों को यह अहसास होगा कि यह वही शहर है, जहां से भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान ने अपनी शहनाई की जादूगरी से दुनिया को मोहित किया था।
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श्रद्धांजलि देने पहुंचे गणमान्य लोग
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बेटे शांतनु राय ने अपने पिता की ओर से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की कब्र पर फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, कार्यक्रम में मुर्तुजा अब्बास समसी, जरीना बेगम, सैयद अब्बास रिजवी, शफ़क़ आफत हैदर, प्रमोद वर्मा, फरमान हैदर, प्रिंस राय, इफ्तेखार हुसैन, हादी हसन, आधार हुसैन, नजर हुसैन, आशीष केसरी, फिरोज हुसैन, शाहीन फातिमा, जैनब, काश मिनाज फातिमा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।