काशी विद्यापीठ के संस्थापक डा. भगवान दास की जयंती मनी, शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में उनके योगदान की हुई चर्चा 

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वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में संस्थापक कुलपति डा. भगवान की 155वीं जयंती मनाई केंद्रीय पुस्तकालय समिति कक्ष में मनाई गई। इश दौरान उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने व समाज सुधार में उनके योगदान की चर्चा हुई। 

यह कहना है डॉ भगवान दास के प्रपौत्र डॉ पुष्कर रंजन ने कहा कि भगवान दास शिक्षा जगत के महर्षि थे। वह देश में नारी सशक्तिकरण मुहिम के अग्रणी समाज सुधारक थे। उन्होंने नारी शिक्षा को विशेष महत्व दिया। काशी में दर्जन भर नारी शिक्षा के केंद्र की स्थापना कर शैक्षिक समाज की  रुढ़िवादिता को ध्वस्त किया। अपनी बहू बेटी को सेंट्रल हिन्दू गर्ल्स कॉलेज में दाखिला कराकर भारतीय समाज को नई दृष्टि दी। उन्होंने कहा कि डा. भगवान दास शिक्षित और सशक्त भारत के स्वप्न दृष्टा थे। उनका मानना था कि शिक्षा क्षेत्र में राजनीति का प्रवेश घातक है। वे विद्यार्थियों का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं चाहते थे। राजनीति मुक्त शैक्षिक परिसर की वकालत करते थे। कहा कि  भगवान दास आजीवन देश में कौमी एकता के लिए सदैव चिंतनशील रहे। 14 वर्ष अध्ययन कर रिपोर्ट की। इसके जरिए अंग्रेजो के षड़यंत्र को उजागर किया। देशवासियों में मैत्री भाव का जागरण किया। बताया कि भगवान दास भारतीय इतिहास दर्शन शिक्षा राजनीति की गहरी समझ रखते थे। देश के प्रमुख नेता परामर्श के लिए भगवान दास के शरणागत रहते थे। 

उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर उनके परामर्श को तवज्जो दिया। बताया कि आजादी के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू ने असम समस्या का समाधान भगवान दास के परामर्श से किया था। मुख्य वक्ता बीएचयू कला संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो उमेश चंद्र ने कहा कि भगवान दास का व्यक्तित्व विराट था। वह भारतीय चिंतन परंपरा के अप्रतिम प्रतिनिधि थे। उन्होंने अभिनव भारत के लिए अनेक कार्य किए। उनकी विद्वता की ख्याति विश्व भर में थी। कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि भगवान दास भारतीय ऋषि परंपरा के मूर्तरूप थे। उन्होंने भारत के निर्माण में अद्वितीय योगदान दिया। इन्होंने भारतीय शिक्षा को नई दिशा दी। लोगों ने भारतीयता को जीने वाले महापुरुष और उनके मूल्यों को भूला दिया। यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वागत पूर्व उपाध्यक्ष प्रेमप्रकाश गुप्ता व संचालन अभिनव मिश्रा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन छात्रसंघ उपाध्यक्ष शिवजनक गुप्ता ने दिया। इस मौके पर डॉ राकेश तिवारी, राहुल साहनी, विवेक गुप्ता, शिवमराज श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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