बीएचयू के छात्रों ने ग्रामीण जीवन का किया अध्ययन, कृषि और उद्यमिता का महत्व जाना

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वाराणसी। बीएचयू के समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र के विद्यार्थियों ने ग्रामीण जीवन और कृषि पद्धतियों की गहरी समझ प्राप्त करने के उद्देश्य से बड़ागांव ब्लॉक के हसनपुर तेलारी (अनेई) गांव का भ्रमण किया। इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान छात्रों ने गांव में संचालित माधुरी ऑर्गेनिक फॉर्म का विस्तृत अध्ययन किया और वर्मी कंपोस्ट, पशुपालन एवं प्राकृतिक खेती जैसी विधियों की जानकारी प्राप्त की।

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डॉ. आलोक पांडेय के निर्देशन में छात्रों ने ग्रामीण अध्ययन की विभिन्न विधियों को अपनाकर गांव में चल रही सरकारी योजनाओं और ग्रामीण जीवनशैली का अवलोकन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन (हर घर नल योजना), आयुष्मान भारत योजना और उज्ज्वला योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावों को नजदीक से देखा।

विद्यार्थियों ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से बातचीत कर उनकी उद्यमशीलता के अनुभव भी सुने। इन महिलाओं ने स्वरोजगार और वित्तीय आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए अपने कदम साझा किए। ग्रामीणों ने छात्रों से संवाद करते हुए अपनी समस्याएं और आवश्यकताओं को भी रखा।

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सामाजिक विज्ञान संकाय की संकाय प्रमुख एवं समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र की निदेशक प्रो. बिंदा परांजपे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विकास की प्रक्रिया में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।

छात्रों ने इस अवसर पर बेस लाइन सर्वेक्षण भी किया, जिसका नेतृत्व डॉ. आलोक पांडेय एवं प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. बी. पी. सिंह ने किया। भ्रमण के दौरान श्री प्रवीण श्रीवास्तव ने अपने ऑर्गेनिक फॉर्म की कार्यप्रणाली से छात्रों को अवगत कराया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रवि शंकर सिंह 'लव' ने गांव में चल रही विकास योजनाओं की जानकारी दी। इस शैक्षणिक यात्रा में असिस्टेंट रजिस्ट्रार वाई. एल. बी. पटेल, रामजी, राजनाथ पाल एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थी भी सम्मिलित रहे।

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