निष्कासन के विरोध में धरने पर बैठा बीएचयू छात्र, परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने की मांग

वाराणसी। बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय पर शुक्रवार को छात्र प्रशांत गिरी ने निष्कासन के विरोध में धरना शुरू कर दिया। धरना के चलते केंद्रीय कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया, जिससे विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यस्थल में पहुंचने में कठिनाई हुई। छात्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गलत तरीके से निष्कासित करने के आरोप लगाए। साथ ही परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने की मांग की।
प्रशांत गिरी, पुत्र संतोष गिरी, निवासी तेन्दुई पतेरया, हाथी बाजार, वाराणसी, वर्तमान में बीपीएड सत्र 2024-25 के छात्र हैं। छात्र का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुचित तरीके से निष्कासित कर दिया है। आरोप लगाया कि 21 सितंबर 2023 को सर सुंदरलाल चिकित्सालय परिसर में हुई मारपीट की घटना में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गलत ढंग से पहचाना गया।
प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर प्रशांत को निष्कासित कर दिया गया। प्रशांत का कहना है कि जिस एफआईआर (संख्या 369/23) को आधार बनाकर यह कार्रवाई की गई, उसमें बाद में उनका नाम हटा दिया गया। छात्र ने इस बात के साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं। तर्क दिया कि यदि एफआईआर से नाम हट गया है, तो निष्कासन का आदेश भी स्वतः निरस्त किया जाना चाहिए।
प्रशांत ने पूर्व में विश्वविद्यालय प्रशासन को आवेदन देकर निष्कासन को समाप्त कर पढ़ाई फिर से शुरू करने की मांग की थी, लेकिन विश्वविद्यालय की रिव्यू कमेटी ने उनका निवेदन खारिज कर दिया। प्रशांत गिरी का कहना है कि वे सिर्फ इतना चाहते हैं कि उन्हें आगे के सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए, ताकि उनका शैक्षणिक भविष्य अंधकार में न जाए।