BHU : सरदार पटेल छात्रावास में महामना की प्रतिमा का अनावरण, ‘भारत वैभव’ के संदेश के साथ सजी महामना वीथिका

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वाराणसी। भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की 164वीं जन्मजयंती के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सरदार वल्लभभाई पटेल छात्रावास में महामना की प्रतिमा का भव्य अनावरण किया गया। छात्रावास के सभी अंतःवासियों की उपस्थिति में प्रशासनिक संरक्षक डॉ. धीरेंद्र कुमार राय ने प्रवेश द्वार पर स्थापित प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम में शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी, शोधार्थी और शहर के महामना जन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कलाकृति में उकेरा गया महामना का विराट व्यक्तित्व
इटालियन मार्बल से निर्मित महामना की प्रतिमा को विशेष स्टैंड पर स्थापित किया गया है, जिस पर बीएचयू का लोगो और महामना की वाणी को अत्यंत सुंदर कलाकृति के रूप में उकेरा गया है। प्रतिमा स्थल की दीवार पर छात्रावास का नवसृजित लोगो, सम्पूर्ण रामायण की वर्ली पेंटिंग और रामचरितमानस की चौपाई दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।

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‘भारत वैभव’ भित्तिचित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन
इस अवसर पर छात्रावास परिसर में भारत वैभव की भित्तिचित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। मालवीय जयंती पर जहां विश्वविद्यालय परिसर में महामना पर केंद्रित विविध आयोजन और मालवीय भवन की पुष्प प्रदर्शनी लोगों को आकर्षित कर रही है, वहीं सरदार पटेल छात्रावास में विविध फूल-पौधों से सजी महामना वीथिका और भारत वैभव चित्र प्रदर्शनी ने दोपहर से ही दर्शकों की भीड़ खींची।

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31 अक्टूबर 2026 तक चलेगा ‘भारत वैभव उत्सव’
यह प्रदर्शनी सरदार पटेल की 150वीं जयंती को समर्पित भारत वैभव उत्सव के अंतर्गत लगाई गई है, जो महामना की 164वीं जयंती से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर 2026- सरदार पटेल जयंती- तक चलेगी। छात्रावास के संरक्षक डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि भारत वैभव प्रदर्शनी का दूसरा चरण 12 जनवरी से स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर शुरू होगा, जो विवेकानंद की जीवन यात्रा और अध्यात्म दर्शन पर केंद्रित रहेगा।

विश्वविद्यालय की गौरव यात्रा और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. धीरेंद्र राय ने विश्वविद्यालय की गौरव यात्रा और महामना के विराट जीवन-दर्शन से उपस्थित जनों का साक्षात्कार कराया। उन्होंने आगामी एक वर्षीय भारत वैभव उत्सव की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने में सभी की भूमिका को रेखांकित किया।

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सामूहिक कुलगीत के साथ समापन
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और छात्रावास के शोधार्थियों द्वारा प्रस्तुत सामूहिक कुलगीत के साथ हुआ। पूरे आयोजन में छात्रावास के अंतःवासियों सहित शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी और शोधार्थियों की सक्रिय सहभागिता ने महामना की स्मृतियों को जीवंत कर दिया।

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