BHU के शोध छात्रों ने कुलपति के संवेदनहीनता की निंदा करते हुए आमरण अनशन का किया फैसला
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में नान-नेट शोध वृत्ति वृद्धि हेतु अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के आज इकतीसवें दिन और क्रमिक अनशन के चौदहवें दिन शोधार्थियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के संवेदनहीनता की निंदा करते हुए आमरण अनशन का फैसला किया है।
शोधार्थियों ने कुलपति को आगाह किया कि अगर शनिवार तक हमारी समस्या का निदान नहीं हुआ तो हम आगामी सोमवार से आमरण अनशन शुरू करेंगे। किसी भी शोधकर्ता के साथ किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए कुलपति जिम्मेदार होंगे। इसके पहले भी विश्वविद्यालय प्रशासन को एक पत्र 31 अक्टूबर को सौंप कर आमरण अनशन के बारे में जानकारी दी गई है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन मौन है।
साथ ही शोधार्थियों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी आग्रह किया कि वह तत्काल संज्ञान लेते हुए कुलपति की जिम्मेदारी तय करें। एक छात्रा ने कहा कि हम लोगों ने दशहरा के बाद दीपावली भी धरना देते हुए बिताया अब ऐसा लगता है कि छठ भी धरना स्थल पर ही बीतेगा।
प्रमुख मांग
- नान-नेट शोध वृत्ति को 8000 से बढ़ाकर कम से कम 25000 प्रति माह दिया जाए।
- कंटिजेंसी को 10000 से बढ़ाकर 20000 प्रति वर्ष किया जाए।
- हमारी शोध वृत्ति समय समय पर बढ़ती रहे जैसे JRF का बढ़ता है।
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