BHU के प्रोफेसर ने दान लेकर कराया रसेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण
 

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी। उन्होंने लोगों से दान लेकर इसकी स्थापना की थी। उनके इसी बात को आत्मसात करते हुए विज्ञान संस्थान आर्युवेद संकाय के रस शास्त्र विभाग के प्रोफेसर आनंद कुमार ने भिक्षा के पैसे से रसेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना की।

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इस मंदिर का निर्माण 2016 में प्राप्त हुआ और 17 फरवरी से 21 फरवरी 2018 में बनकर तैयार हुआ। भगवान भोलेनाथ को औषधियों का जनक कहा जाता है। इसी उद्देश्य से "रसेश्वर महादेव मंदिर" का निर्माण कराया गया। मंदिर में भगवान शिव, मां पार्वती, कार्तिकेय और गणेश जी की प्रतिमा के साथ ही महामना की प्रतिमा स्थापित किया गया है।

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बता दें कि महामना पं. मदनमोहन मालवीय समाज को शिक्षित करने के साथ ही लोगों को स्वस्थ रखने के लिए आर्युवेद चिकित्सा की स्थापना 1922 से 1932 के बीच बीएचयू में की थी। महामना अपनी दैनिक दिनचर्या के तहत आर्यवेदिक फार्मेसी का निरिक्षण भी करते थे। आर्यवेदिक औषधियों के निर्माण प्रक्रिया के तहत भस्मों के पाक के क्रम में अघोरेश्वर शिव की आराधना के लिए 1950-60 में प्रो. दत्तात्रेय अनंत कुलकर्णी ने पुराने आर्युवेदिक फार्मेसी विभाग में रस शास्त्रीय प्रक्रियाओं के लिए शिव आराधना के लिए मंदिर का निर्माण कराया था।

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प्रोफेसर आनंद कुमार ने बताया कि रस शास्त्र विभाग में जो भी औषधि दवा बनती है उसे सर्वप्रथम औषधि के देवता भगवान भोलेनाथ और भगवान धन्वंतरि को समर्पित किया जाता है। इसके बाद ही यह लोगों को कष्ट निवारण के लिए दिया जाता है। यह मालवीय के द्वारा स्थापित परंपरा में से एक परंपरा है, जिसका निर्वहन आज भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोविड काल में जिस समय देश परेशान था। उस समय हम लोगों द्वारा औषधि काढ़ा बनाया गया था और लोगों को प्राण दान दिया जा रहा था।

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