BHU में पीएचडी प्रवेश में धांधली का आरोप, छात्रों का आमरण अनशन चौथे दिन भी जारी, एक छात्र की बिगड़ी तबियत

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वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के केंद्रीय कार्यालय पर छात्रों का आमरण अनशन चौथे दिन भी जारी रहा। चार छात्र अनशन पर बैठे हैं, जिनमें से शनिवार को एक छात्र की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सूचना मिलते ही मेडिकल टीम पहुंची और छात्र के गिरते स्वास्थ्य पर चिंता जताई।

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छात्र अपनी मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। चौथे दिन छात्रों ने अपने बाजू पर काली पट्टी बांधकर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। इससे पहले विरोध के क्रम में छात्रों ने एक दिन पुतला दहन किया था और केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार पर ‘शुद्धि-बुद्धि यज्ञ’ का आयोजन किया था।

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आमरण अनशन कर रहे छात्रों का कहना है कि सामाजिक विज्ञान संकाय के सामाजिक समावेशन नीति अध्ययन केंद्र में "सोशल इनक्लूजन" या "सब-लैटर्न स्टडीज" ही मुख्य विषय है। इसी विषय से एमफिल करने वाले छात्रों को पीएचडी इंटरव्यू में रेट एग्जंप्टेड कैटेगरी में शामिल किया जाना था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करते हुए अन्य एलाइड विषयों के आवेदकों को भी इंटरव्यू में शामिल कर लिया।

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प्रदर्शनकारी छात्र अभय प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आए दिन भ्रष्टाचार और धांधली के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन दोषी अधिकारी अब भी पदों पर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय निष्पक्ष प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रहा है। नियमों को ताक पर रखकर मनचाहे उम्मीदवारों को प्रवेश दिलाने की कोशिश की जा रही है।
 

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