बीएचयू में नहीं खुला हृदय रोगियों के बेड का डिजिटल लाक, विभागाध्यक्ष ने सामूहिक नरसंहार का मुकदमा दर्ज कराने व आमरण अनशन की दी चेतावनी    

एचओडी
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वाराणसी। बीएचयू में हृदय रोगियों के लिए बेड का डिजिटल लाक अभी तक नहीं खुला है। इसको लेकर हृदय रोग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर ओमशंकर ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) और कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसके लिए सामूहिक नरसंहार का मुकदमा दर्ज कराने और आमरण अनशन की चेतावनी दी है। 

उन्होंने कहा कि आईएमएस बीएचयू के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) में हृदय रोगियों को बेड न मिलने का संकट बना हुआ है। 20 दिन पहले ही आईएमएस निदेशक ने एमएस से बेड पर लगा डिजिटल लॉक खोलने का आदेश जारी किया था। परंतु अभी तक डिजिटल लाक नहीं खोला गया। लॉक नहीं खुलने से हृदय रोगियों को बेड नहीं मिल पा रहा है। बीएचयू अस्पताल के एसएसबी में चौथे तल पर हृदय रोग के गंभीर मरीजों के लिए सीसीयू बनवाया गया है। बिल्डिंग का उद्घाटन काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यहां कंप्यूटर से बेड को डिजिटल लॉक कर दिया गया है। इसके कारण बेड खाली होने के बाद भी मरीजों की भर्ती नहीं हो पा रही है। 

इस समस्या को लेकर इसी माह आठ मार्च से हृदय रोग विभागाध्यक्ष प्रो. ओमशंकर ने कुलपति आवास के सामने अनशन पर बैठने की चेतावनी दी थी। इस पर आईएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने विभागाध्यक्ष के साथ बैठक कर तत्काल प्रभाव से डिजिटल लॉक खोलवाने की बात कही थी। इस दौरान ओमशंकर ने कहा प्रोफेसर केके गुप्ता अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं तथा मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सब कुछ जानते हुए भी कुलपति एमएस का साथ दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम एमएस को हटाने की मांग किया था। उन्होंने कहा कि सामूहिक नरसंहार का मुकदमा पंजीकृत कराऊंगा। इसके साथ ही आमरण अनशन भी प्रारंभ करूंगा।

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