BHU पहुंची बस लाइब्रेरी, जुड़ रहे युवा, बस में साहित्य, कहानी एवं तमिल पुस्तकों का है संगम

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वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में दक्षिण भारत और काशी के संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से इस बार मां गंगा के तट पर काशी तमिल संगमम 2.0 का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन से पहले इस आयोजन से जुड़ने और सफल बनाने के लिए तैयारियां एवं प्रचार-प्रसार शुरू हो गया हैं। बीएचयू परिसर के विश्वनाथ मंदिर के समीप "नेशनल बुक ट्रस्ट" द्वारा बस लाइब्रेरी लगाया गया हैं। जिसमें हिन्दी, अंग्रेजी और तमिल भाषाओं की पुस्तकें लगाई गई है।

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दो राज्यों के सम्बन्ध होंगे मजबूत
काशी में 17 से 30 दिसंबर तक आयोजित होने वाले काशी तमिल संगमम का प्रमुख उद्देश्य दोनों जगह की संस्कृति और संबंधों को और मजबूत करना है। बनारस के अलग-अलग निर्धारित स्थल पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। एक बार फिर आयोजित होने वाले काशी तमिल संगमम को लेकर प्रशासन द्वारा भी तैयारी शुरू कर दी गई है। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुनः दो राज्यों के सम्बन्ध को और मजबूत करेंगे।

CCबस में है पुस्तकों का खजाना
बस लाइब्रेरी में तमिल से संस्कृत और हिंदी तीनों भाषाओं को समझने में सबसे सरल किताबों को रखा गया है। कुल किताब ऐसे भी हैं जो तमिल वाक्य का संस्कृत और हिंदी में व्याख्या किया गया है। इसके साथ ही प्राचीन तमिल ग्रामर में शिल्पादिकारम, चितलाई चतनार की मणिमेकलई, कपिलर का पटू-पट्टू आदि हैं। किताब लेने वाले युवाओं को डिस्काउंट भी दिया जा रहा हैं। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत मोबाइल बस में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की पुस्तकों की बिक्री व काशी तमिल संगमम का प्रचार किया जा रहा है।

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इस मोबाइल बस में भारतीय साहित्य, लोक सांस्कृति, एशिया प्रांत, सामाजिक विज्ञान सहित कई प्रकार की धार्मिक पुस्तकें मौजूद हैं। छात्रों को बताया गया कि पुस्तकों का महत्व केवल स्कूली शिक्षा में ही नहीं बल्कि हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी इनका अहम योगदान होता है। पुस्तकें ज्ञान से भरी हैं। जितना पढ़ेंगे उतना हमारा ज्ञान बढ़ेगा। 

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