बीएचयू: भोजपुरी अध्ययन केंद्र में काव्य पाठ का आयोजन, वक्ता बोले, बोधिसत्व की अच्छी कविताएं ईर्ष्या का आधार 

BHUUU
WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर स्थित भोजपुरी अध्ययन केंद्र के राहुल सभागार में शुक्रवार को ‘मेरे लिए कविता’ विषय पर व्याख्यान सह काव्य पाठ का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न कवियों, आलोचकों और उनकी कविताओं पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर बलिराज पांडेय ने की।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कवि बोधिसत्व ने कहा कि अच्छी कविताएं ईर्ष्या का आधार होती हैं। वे कवि के जीवन में परिवर्तन भी लाती हैं। कविता जंगल में बूटी ढूंढने जैसी है। इसके लेखन में यंत्रणा होती है। यहां विषय का निर्वाह करना जरूरी है। इस अवसर पर बोधिसत्व ने जोगी, चाहता हूं, एक आदमी मिला भदोही में, पागलदास, शांता आदि कविताओं का पाठ भी किया।
 

bhu

बोधिसत्व की कविताओं पर अध्यक्षीय टिप्पणी करते हुये वरिष्ठ कहानीकार प्रोफेसर बलिराज पांडेय ने कहा भीड़ व शोर के समय में बोधिसत्व की कविताएं आश्वस्त करती हैं। सत्ता के सम्मुख इनकी कविताएं तनकर खड़ी होती हैं। आलोचक डॉ. प्रभात मिश्र ने बोधिसत्व को कल्पनाशील कवि के रूप सराहना किया। कहा कि खोजी दृष्टि इनकी कविताओं के केंद्र में है।


आलोचक डॉ. विंध्याचल यादव ने कहा कि बोधिसत्व की कविताओं में कथा का तत्व महत्वपूर्ण है। ये गहरे इतिहास बोध के कवि हैं। कार्यक्रम में कवयित्री आभा बोधिसत्व ने भी यशोदा की बेटी, सीता नहीं में,बाहर निकला जैसी कविताओं का पाठ किया।


युवा कवि गोलेन्द्र पटेल ने भी 'चोकर की लिट्टी' कविता का पाठ किया। स्वागत वक्त्तव्य में केंद्र समन्वयक प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि बोधिसत्व अपनी कविताओं में लोक गीतों की शक्ति व मिथकों के दूरगामी महत्व को पहचानते हैं। वे गहरी पक्षधरता के कवि हैं। कार्यक्रम का संचालन अक्षत पांडेय व धन्यवाद ज्ञापन जूही त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रो. आशीष त्रिपाठी, डॉ. महेंद्र कुशवाहा के साथ भारी संख्या में छात्र व छात्राएं उपस्थित रहे।

BHU NEWS

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story