पूर्वांचल के लिए वरदान साबित होगी बनास अमूल डेयरी, दुग्ध क्षेत्र में आएगी क्रांति
वाराणसी। अमूल बनास डेयरी पूर्वांचल के लिए वरदान साबित होगी। इससे दुग्ध क्षेत्र में क्रांति आएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 फरवरी को वाराणसी आगमन के दौरान इसका उद्घाटन करेंगे। इससे दुग्ध क्षेत्र में क्रांति आएगी। बनास काशी डेरी के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी ने बताया कि बनास काशी संकुल परियोजना एक ऐतिहासिक कदम है। इस प्लांट का शिलान्यास 23 दिसंबर, 2021 को पीएम के हाथों हुआ था।
उन्होंने बताया कि बनास डेरी वर्तमान में पूर्वाचल क्षेत्र में वाराणसी, मीरजापुर, गाजीपुर और अन्य जिलों से प्रतिदिन लगभग 3 लाख लीटर दूध एकत्र कर रही है। इस संयंत्र के चालू होने के बाद, बनास डेरी बलिया, चंदौली, प्रयागराज, जौनपुर और अन्य जिलों से भी दूध एकत्र करेगी। यह परियोजना न केवल 500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी, बल्कि 1,00,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी। इस प्लांट में बनास डेयरी ने उद्द्योग के मानदंडों के अनुसार स्वचालन और कम पानी की आवश्यकता वाली, ऊर्जा कुशल क्लास रेटिंग वाली हाई-टेक मशीनरी स्थापित की है। इस प्लांट में प्रति लीटर दूध के लिए पानी की खपत सामान्य से कम होगी। इस संयंत्र में हम पानी की खपत का अधिकतम प्रतिधारण और पुनः उपयोग कर सकेंगे। ETP प्लांट के पानी का उपयोग हाउस कीपिंग, बॉयलर और प्लांट में बागवानी के उद्देश्य से किया जाएगा।
बताया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों और दूध उत्पादकों के साथ सहयोग और संबंधों को बढ़ावा देने के लिए छात्र छात्राओं को भी ध्यान में रखा गया है। इससे विशेष रूप से उद्यमी मानसिकता के विकास में मदद मिलेगी। इस दौरान प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर सहित वाराणसी के विभिन्न जनप्रतिनिधि, अधिकारी उपस्थित रहे।
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