त्रिवेणी के जल से बाबा विश्वनाथ का अभिषेक, जनकल्याण और विश्वशांति की कामना
आतंकवाद के खिलाफ सनातन प्रतिवाद
जलाभिषेक में महाकुंभ-2025 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के शिविर में सहयोगी रहे श्रद्धालु कुलदीप नारायण पांडेय, मनोज उपाध्याय और रमेश चन्द्र ओझा ने हाल ही में पहलगाम में हुए अमानवीय आतंकी हमले के जवाब में यह जलाभिषेक करने की इच्छा जताई। उन्होंने अनुरोध किया कि बर्बर धार्मिक आक्रमण के खिलाफ सशक्त सनातन प्रतिवाद के लिए राष्ट्र के राजनीतिक नेतृत्व की दृष्टि और सैन्य शौर्य में वृद्धि हो। इसके लिए त्रिवेणी संगम के पवित्र जल से श्री काशी विश्वनाथ का अभिषेक किया गया। न्यास ने महाकुंभ में इन श्रद्धालुओं के विशिष्ट योगदान को देखते हुए उनकी मांग को सहर्ष स्वीकार किया और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं।

राष्ट्र की सुरक्षा और सनातन गौरव के लिए प्रार्थना
राष्ट्र की सुरक्षा, सनातन धर्म की अस्मिता, और गौरव की पुनर्स्थापना के लिए संगम से लाए गए पवित्र जल से तीनों श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने भी न्यास के आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में आयोजन में हिस्सा लिया। मंत्रोच्चार के बीच यह पवित्र अनुष्ठान सम्पन्न हुआ, जिसमें आत्मबल, साहस, शौर्य, और एकता की प्रार्थना की गई।
न्यास ने की श्रद्धालुओं की प्रशंसा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की सनातन राष्ट्रप्रेम की भावना की भूरि-भूरि प्रशंसा की। न्यास ने कहा, "देश के सनातन नागरिक ऐसी रचनात्मक भावनाओं के प्रकटीकरण से आपसी सद्भाव और बंधुत्व को बनाए रखें। हमारे सशस्त्र बल बर्बर आतंकियों को सनातन धर्म के शौर्य से परिचित कराते रहें, यही हमारी कामना है।" न्यास ने इस आयोजन को राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बताया।

ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
जलाभिषेक ऐसे समय में हुआ, जब भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस सैन्य शौर्य ने देश में अभूतपूर्व राष्ट्रीय चेतना जागृत की है, जिसकी भावना इस जलाभिषेक में भी झलकी।

