महिला कचहरी में उठा शराबियों के आतंक का मामला, एसीपी बोले - महिलाओं की सुरक्षा है पुलिस की प्राथमिकता
वाराणसी। घरेलु हिंसा और महिला अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से ,मंगलवार को विशाल भारत संस्थान के ओर से महिला कचहरी का आयोजन किया गया। लमही स्थित सुभाष भवन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ महिला कचहरी के मुख्य अतिथि एसीपी कैन्ट विदुष सक्सेना ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
महिला कचहरी का संचालन कर रही विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने महिलाओं की सुरक्षा का प्रस्ताव रखा। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शराबियों के विरोध का प्रस्ताव रखा। लमही गांव की महिलाओं ने एसीपी कैंट विदुष सक्सेना से शिकायत किया कि शाम होते ही लमही में शराबियों का आतंक बढ़ जाता है। सड़क पर चलने वाली महिलाओं और बच्चियों को बहुत परेशानी होती है। प्रतिदिन लड़ाई झगड़े और घरेलू हिंसा के पीछे भी शराब का ही हाथ है। बाहर के लोग भी आकर यहां शराब पीते हैं। कुछ महिलाओं ने जुआ खेलने की बात उठायी। बहुत घरों के बच्चे जुए में अपने घर के पैसों को लगाते है और घर से चोरी भी करते है।
समस्या सुनकर एसीपी कैन्ट विदुष सक्सेना ने कहा कि पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ा दी जाएगी और शराब पीकर उत्पात करने वालों, छेड़छाड़ करने वालों और अपनी पत्नी को पीटने वालों के खिलाफ सख्त और प्रभावी कार्यवाई की जाएगी। महिला कचहरी के माध्यम से जिन सामाजिक समस्याओं की जानकारी होगी, उनको हल करने का प्रयास किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्राथमिकता के तौर पर काम करेगी।
इस अवसर पर महिला कचहरी में भाग लेने वाली 200 महिलाओं को मुख्य अतिथि विदुष सक्सेना ने कम्बल देकर सम्मानित किया।
महिला कचहरी में विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि महिला कचहरी महिलाओं को जागरूक करने के लिए है। सामाजिक समस्याओं को उठाने के लिए एक बेहतर मंच है। महिलाएं अपनी और अन्य महिलाओं की समस्याओं को हल करने का प्रयास करती हैं। महिला कचहरी से घरेलू और सामाजिक समस्याएं संवाद के जरिये हल होती है।
रिन्यू कम्पनी के सीनियर एग्जेक्युटिव संदीप चौरसिया ने कहा कि महिला कचहरी के माध्यम से हम महिलाओं की मदद करते रहेंगे। आरएसएस के जिला प्रचारक मोहित ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान समाज की भी जिम्मेदारी है। अंतिम पायदान पर खड़ी महिलाओं की मदद कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ० नजमा परवीन ने किया एवं धन्यवाद डॉ० अर्चना भारतवंशी ने दिया। कचहरी में सरोज देवी, गीता देवी, किशुना, नगीना, सुनीता, मैना, पार्वती, उर्मिला, प्रभावती, पार्वती, हीरामनी, धनेसरा, बिन्दु, तबस्सुम, जमीला, सविता, सीमा, कलावती, लालती, बेचना, स्नेहा, गुड़िया आदि महिलाएं शामिल रहीं।
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