अक्षय तृतीया 2025: श्री काशी विश्वनाथ का चक्र पुष्करणी मणिकर्णिका कुंड के जल से अभिषेक

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वाराणसी।अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के दौरान चक्र पुष्करणी मणिकर्णिका कुंड के पवित्र जल से भगवान शिव का अभिषेक किया गया। यह विशेष अनुष्ठान वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को संपन्न हुआ, जिसे हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है।

अक्षय तृतीया 2025: श्री काशी विश्वनाथ का चक्र पुष्करणी मणिकर्णिका कुंड के जल से अभिषेक

अक्षय तृतीया का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं। इस कारण इस दिन किए गए कार्यों और पुण्य कर्मों का फल अक्षय, अर्थात् कभी नष्ट न होने वाला, माना जाता है। इसी पवित्र अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से मंदिर के विशेष कार्याधिकारी ने भगवान विश्वनाथ के चरणों में 11 घड़े चक्र पुष्करणी मणिकर्णिका कुंड के जल अर्पित किए।

श्री काशी विश्वनाथ धाम

मणिकर्णिका घाट पर स्थित चक्र पुष्करणी कुंड का जल अपनी पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है। इस जल से भगवान काशी विश्वनाथ का अभिषेक करना भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जो इस दैवीय अनुष्ठान का साक्षी बनने के लिए उत्साहित थे।

श्री काशी विश्वनाथ धाम

मंदिर न्यास के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन यह अभिषेक समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य और शुभ कार्यों का भी विशेष महत्व है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में यह अनुष्ठान हर वर्ष भक्तों के बीच आस्था और श्रद्धा का केंद्र रहा है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम

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