IMS BHU में जल्द बनकर तैयार हो जाएगा 200 बेड का स्वास्थ्य केंद्र, वरिष्ठजन को इलाज में होगी सहूलियत
वाराणसी। आईएमएस बीएचयू (IMS BHU) में 200 बेड के नेशनल सेंटर ऑफ एजिंग (NCA) का निर्माण प्रगति पर है। अस्पताल में बुजुर्गों का उपचार किया जाएगा। बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPHCE) के तहत क्षेत्रीय जराचिकित्सा केंद्र (RGC) को तीसरे राष्ट्रीय वृद्धावस्था केंद्र (NCA) में अपग्रेड करने को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जराचिकित्सा चिकित्सा विभाग आईएमएस बीएचयू में मंजूरी पिछले वर्ष दे दी थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से एनसीए की स्थापना के लिए आईएमएस, बीएचयू को चुना गया।
नेशनल सेंटर फॉर एजिंग (एनसीए) का दायरा वरिष्ठ जन स्वास्थ्य योजना के अनुरूप होगा, जो एनपीएचसीई के परिचालन दिशानिर्देशों के तहत होगा। सभी एनसीए के बीच एकरूपता बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा एक तकनीकी सलाहकार समिति बनाई गई है जिसके सदस्य के रूप में स्वस्थ मंत्रालय से आईएमएस बीएचयू में जिरियाट्रिक (जरा चिकित्सा) विभाग में एनपीएचसीई के नोडल अधिकारी प्रोफेसर अनूप सिंह को चुना गया है। 200 बेड के NCA का निर्माण लगभग 2045 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जाएगा और पूरी परियोजना 18 महीने की अवधि में पूरी की जाएगी। इससे बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों में जराचिकित्सा विभाग चिकित्सा का विस्तार होगा जो बुजुर्ग मरीज़ो की देखभाल में पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्र की जराचिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने का काम करेगा।
एनसीए का मुख्य उद्देश्य स्नातकोत्तर MD जराचिकित्सा सीटों को प्रति वर्ष 15 तक बढ़ाना और डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के लिए विभिन्न अल्पकालिक पाठ्यक्रम शुरू करना है। बुजुर्ग रोगियों को अन्य सुपर स्पेशियलिटी विभागों में आसानी से परामर्श करने के लिए एनसीए को सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के निकट स्थान को चुना गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय बुजुर्गों (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए काम कर रहे विभिन्न मंत्रालयों मे समन्वय के साथ काम कर रहा है। इसके अलावा क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बुजुर्ग लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके और उनकी भलाई और मानवाधिकारों की रक्षा हो सके।
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