राष्ट्रीय निमोनिया दिवस पर विशेष : बच्चों को जरूर लगवाएं पीसीवी का टीका, लक्षण पता चलते ही कराएं जांच व उपचार 

WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। बढ़ती ठंड और वायु प्रदूषण बच्चों और बुजुर्गों को नियोनिया की चपेट में ला सकता है। इससे बचाव जरूरी है। चिकित्सकों ने उनकी सही ढंग से देखभाल की सलाह दी है। निमोनिया से बचाने के लिए बच्चों को पीसीवी का टीका जरूर लगवाएं। लक्षण दिखे तो बिना समय गंवाए तत्काल इसका इलाज शुरू कराएं। 

vns
सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि निमोनिया और उससे बचाव के टीकाकरण के बारे में समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 12 नवंबर को राष्ट्रीय निमोनिया दिवस मनाया जाता है। उन्होंने जन्म के बाद नौ माह तक सभी माताएं अपने बच्चों को न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) जरूर लगवाएं। आशा कार्यकर्ताएं माताओं का सहयोग करें तथा टीकाकरण सत्र, यूएचएनडी और वीएचएनडी में शत-प्रतिशत बच्चों को लाकर उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। 

vns

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. निकुंज कुमार वर्मा का कहना है कि निमोनिया फेफड़ों का एक सामान्य संक्रमण है जो बैक्टीरिया या वायरस के कारण खांसने, छींकने, छूने और सांस के जरिए फैलता है। यह फेफड़े से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। कई बार निमोनिया के लक्षण स्पष्ट नहीं दिखते हैं, लेकिन वैसे लोग भी बीमारी फैला सकते हैं। उन्होंने बताया कि निमोनिया दो प्रकार लोबर निमोनिया और ब्रोंकाइल निमोनिया का होता है। लोबर निमोनिया फेफड़ों के एक या ज्यानदा हिस्सों  (लोब) को प्रभावित करता है । ब्रोंकाइल निमोनिया दोनों फेफड़ों के पेचिस को प्रभावित करता है। बताया कि निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी का पहला टीका डेढ़ माह पर पोलियो खुराक, पेंटा और आईपीवी के साथ दिया जाता है। दूसरा टीका साढ़े तीन माह ओपीवी, पेंटावेलेंट, एफ़ आईपीवी और रोटा के साथ तथा नौ माह पर खसरे के टीके के साथ बूस्टर डोज़ दिया जाता है। यह सभी प्रकार के टीके सरकारी चिकित्सालयों तथा स्वास्थ्य केन्द्रों सहित टीकाकरण सत्र, छाया यूएचएनडी और वीएचएनडी में निःशुल्क लगाए जाते हैं। इस साल अप्रैल से अब तक 1,17,196 पीसीवी डोज लगाई जा चुकी हैं। इसमें 39,326 पीसीवी प्रथम, 40,861 पीसीवी द्वितीय और 37,019 बूस्टर डोज शामिल हैं। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पांडे ने बताया कि निमोनिया पैदा करने वाला वायरस ज्यालदातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। इसलिए उनका विशेष ध्यान रखें। 
 

Share this story