एसडीएम ने अभिलेखों में कूटरचना के लिए दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का दिया निर्देश
वाराणसी। उप जिलाधिकारी राजातालाब ने हरिकृष्ण बनाम सरकार अन्तर्गत धारा 209(ज) उप्र. राजस्व संहिता 2006 मौजा रखौना परगना कसवार तहसील राजातालाब प्रकरण में पारित 31 मई के आदेश के क्रम में 5 अप्रैल को तत्कालीन उप जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश निरस्त कर दिया। इसके साथ ही 5 अप्रैल के पूर्व का इन्द्राज बदस्तूर कायम किये जाने का निर्देश दिया है।
इस क्रम में हरिकृष्ण पांड्या की ओर से जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया। इस पर उन्होंने कार्यवाही का हिस्सा बनाकर न्यायोचित कार्यवाही कराये जाने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 340 सीआरपीसी के क्रम में तहसीलदार (न्यायिक) राजातालाब को सुस्पष्ट तथ्यात्मक जांच आख्या प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। तहसीलदार (न्यायिक) द्वारा अपनी जांच आख्या को प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि कूटरचना हेतु लेखपाल द्वारा अभिलेख जमा करने के पश्चात तहसील अभिलेखागार या राजस्व अभिलेखागार (माल) व मौजा रखौना परगना कसवार राजा, राजातालाब निवासी लालजी ही दोषी है। उपजिलाधिकारी राजातालाब ने तहसीलदार को निर्देशित किया कि सम्बन्धित दोषी कर्मचारी, व्यक्ति के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराएं।

