National Milk Day:स्वास्थ्य जीवन का मजबूत आधार, दूध है संपूर्ण आहार

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वाराणसी: दूध को एक संपूर्ण पौष्टिक आहार के रूप में माना जाता है। ये सभी आवश्यक पोषक तत्वों का एक बहुत बड़ा और अच्छा स्रोत है। यही कारण है कि बच्चे हो या बुजुर्ग, शाकाहारी हो या मांसाहारी सभी को इसका नियमित रूप से सेवन जरूर करना चाहिए। राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में चिकित्सा व पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार का भी यही मानना है।

डॉक्टर अजय बताते हैं कि देश में श्वेत क्रांति के जनक डॉक्टर वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर को हुआ था और उन्हीं की याद में इस दिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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सभी पौष्टिक आहारों में सबसे महत्वपूर्ण आहार है दूध

दूध  के सेवन करने एवं उसके सभी सकारात्मक पहलुओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। डॉक्टर अजय बताते हैं कि दूध में आवश्यक सभी पोषक कैलशियम, मैग्निशियम, जिंक, फास्फोरस, आयोडीन, आयरन पोटेशियम, फोलेट्स, विटामिन ए, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन. विटामिन बी-12, प्रोटीन आदि मौजूद होते हैं। यही कारण है कि जब कभी भी संपूर्ण भोजन की बात होती है तो सबसे पहले दूध का नाम सामने आता है। 
शाकाहारियों के लिए दूध को इसलिए संपूर्ण भोजन माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट्स और वो सारे विटामिन, मिनरल्स पाए जाते हैं जो एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। 

दूध में मौजूद इतने सारे न्यूट्रिशन और पाचक गुण होने की वजह से इसे आयुर्वेद में एक अलग ही स्थान दिया गया है। सरल शब्दों में कहें तो दूध मधुर, चिकना, ओज एवं रस आदि धातुओं को बढ़ाने वाला, वात पित्त कम करने वाला, वीर्य को बढ़ाने वाला और शीतल होता है।

बच्चों के लिए मां का गाढ़ा दूध सर्वश्रेष्ठ

डॉक्टर अजय बताते हैं कि बच्चों के लिए मां का दूध सर्वश्रेष्ठ आहार होता है। छह महीने तक के बच्चों को मां के दूध के अलावा और कुछ भी नहीं देना चाहिए। मां का दूध उनके लिए अमृत के समान होता है। जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाना चाहिए। यह दूध बच्चे को सभी बीमारियों से बचाने वाले टिके के समान होता है। बच्चे के लिए मां का दूध सभी बीमारियों से लड़ने के लिए, उसके रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है। यदि बच्चा दूध नहीं पी रहा है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

देसी गाय का दूध अधिक फायदेमंद

गाय का दूध सभी जानवरों के दूध में सर्वश्रेष्ठ होता है। डॉ अजय बताते हैं कि दूध का प्रोटीन कंपोनेंट 80% कैसीन से बना होता है। दूध में पाए जाने वाले बीटा कैसीन प्रोटीन दो प्रकार के होते हैं- ए-1 और ए-2। ब्रिटेन और अन्य देशों से आयात की गई जर्सी गाय के दूध में ए-1 और ए-2 दोनों तरह के बीटा कैसीन प्रोटीन पाए जाते हैं। 

यूरोप से आयातित होल्सटीन गाय के दूध में ए-1 प्रोटीन होता है, लेकिन देसी गाय के दूध में सिर्फ ए-2 बीटा कैसीन प्रोटीन पाया जाता है। 

दूध के सेवन को लेकर बरतें ये सावधानी

- सुबह का कच्चा दूध यदि उबाला नहीं गया है तो वह भारी होता है। ऐसे दूध के सेवन से किसी पेट में भारीपन और अपच की शिकायत हो सकती है, लेकिन इसी दूध को उबाल देने से इसका भारीपन कम हो जाता है और यह कम नुकसानदेह होता है।

- यदि दूध को बहुत अधिक देर तक उबाल दिया जाए तो भी ये भारी हो जाता है, इसलिए बहुत अधिक देर तक दूध नहीं उबालना चाहिए। वजन बढ़ाना है तो अधिक देर तक उबाला हुआ दूध लाभदायक होता है।

- जिस व्यक्ति में मोटापा अधिक है, उसे नियमित रूप से केले के साथ दूध का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि दूध के साथ केला मिलकर अधिक ठंडा और भारी हो जाता है। वजन बढ़ाना है तो इसका सेवन लाभदायक है।

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