कबीर महोत्सव : मन लागो यार फकीरी ने बांधा समा, दूसरी निशा में तेरहताली नृत्य ने लोगों को किया मोहित

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वाराणसी। अस्सी घाट पर संत कबीर के 624वें प्राकट्य वर्ष के मौके पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की स्वायत्तशासी संस्था, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज की ओर से कबीर महोत्सव का आयोजन चल रहा है। आयोजन की दूसरी संध्या निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इंटर कालेज के छात्राओं ने मन लागो यार फकीरी में.. गायन की प्रस्तुति से समा बांध दिया। वहीं दूसरी प्रस्तुति राजस्थान की कलाकार गंगा देवी दल द्वारा तेरहताली नृत्य ने लोगों को मोहित कर दिया।

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इसी क्रम में तीसरी प्रस्तुति देवदास के दयाराम सालोरिया दल ने निर्गुण गायन की हुई। तंबूरा व सह गायन में तेजुलाल यादव, वायलिन पर देव नारायण सारोलिया, मंजीरा पर जगदीश चौहान, ढोलक पर देवीदास बैरागी, टिमकी पर मनोज, परमार पर शशिकला व सबिता बैन ने संगत किया। 

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निर्गुण गायन के आरम्भ बोल थे तंबूरा सुर में साधो भाई, इसी क्रम में मन क्या बोले आदि की सुंदर प्रस्तुति हुई।  चतुर्थ प्रस्तुति वाराणसी के ताना बाना ग्रुप द्वारा भजन गायन की सम्पन्न हुई। कलाकार थे देवेंद्र दास देव- गायन , गौरव-करताल, श्री कृष्ण- गिटार, भागीरथी- एक तारा पर। 

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गायन का आरम्भ भला हुआ मेरी मटकी, इसी क्रम में मेरे राम गाड़ी वाले, हमन है इश्क मस्ताना, अंत में चदरिया झीनी से गायन का समापन किया। पांचवी व अंतिम प्रस्तुति छत्तीसगढ़ के कलाकार दिनेश जांगड़े व दल द्वारा पंथी नृत्य की प्रस्तुति की गई। 

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मंच संचालन सौरभ चक्रवर्ती द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन प्रो सुरेश शर्मा निदेशक उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज एवं डॉ सुभाष चन्द्र यादव प्रभारी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र वाराणसी द्वारा किया गया।

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