21 साल बाद जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने वाले शहीद उधम सिंह को काशी में किया गया याद, दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
वाराणसी। जलियांवाला बाग हत्याकांड की 103वीं बरसी पर बुधवार को वाराणसी के गिरजाघर चौराहे पर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा के सामने वाराणसी पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी और उन्हें नमन किया। इस दौरान शहीद उधम सिंह स्मारक समिति ट्रस्ट ने गिरजाघर पंचमुहानी का नाम शहीद उधम सिंह पंचमुहानी करने की मांग की। इसके अलावा शहीद उधम सिंह पार्क में संग्राहलय वाचनालय में साथ ही उनकी वाराणसी की स्मृतियों को सहेजा जाए।

शहीद उधम सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद चारों धर्मों के अनुयायियों ने वेद पाठ, क़ुरान की आयते, बाईबिल पाठ के साथ ही गुरुबाग व नीचीबाग से आये रागी जत्था गुरु ग्रन्थ साहब की वाणी का पाठ किया। अमर शहीद के के अवसर पर आयोजित सर्वदलीय सभा में अतिथियों का स्वागत करते हुए ट्रस्ट के चेयरमैन उदय नारायण सिंह ने कहा कि उधम सिंह का पूरी दुनिया में शहीदों में सर्वोच्च स्थान है क्योंकि सात समुन्दर पार कर जनरल डायर को गोली मार 21 साल बाद बदला लिया।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में राष्ट्र और धर्म रक्षा के मामले में गुरू गोविन्द सिंह का कोई शानी नहीं है। सभा में सर्वसम्मत से यह मांग की गई कि काशी में शहीद उधम सिंह के पहले दोस्त व महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व बालमुकुन्द सिंह की आदमकद प्रतिमा जो शासन के आदेशों के इन्तजार में पड़ी हुई है उसे शीघ्र स्थापित किया जाय।

इस अवसर पर हजारों लोगों ने शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।
इस राष्ट्रीय समारोह के मुख्य अतिथि पं राजेशपति त्रिपाठी, भूत पूर्व मुख्यमंत्री के पौत्र पं कमलापति त्रीपाठी के नेतृत्व व उदय नारायण सिहं पोत्र बालमुकुन्द सिंह स्वतंत्रता सेनानी के संयुक्त के तत्वाधान में सम्पूर्ण कार्यक्रम का सम्पादन हुआ, जो हमेशा से ऐतिहासिक कार्यक्रम के रुप में पराम्परिक तरीके से चल रहा है।
अतिथियों का स्वागत ट्रस्ट के चेयरमैन उदय नारायण सिंह व धन्यवाद ज्ञापन विजय नारायण सिंह ने दिया।

