काशी विद्यापीठ - शास्त्रीय संगीत की बारीकियों से से विद्यार्थियों को परिचित कराया   

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वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मंचकला विभाग में शुक्रवार को ‘सोदाहरण व्याख्यान‘ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शास्त्रीय संगीत के किराना घराने के सुप्रसिद्ध कलाकार पं. राघवेंद्र गुडि ने छात्र-छात्राओं को संगीत की बारीकियों से परिचित कराया।

पं. राघवेंद्र ने किराना घराने की विशिष्टता के बारे में बताया कि गायकी में कोमलता का विशेष रूप से इस घराने में प्रयोग होता है। स्वरों का लगाव ऐसा होता है जिसमें नाभि से आवाज उत्पन्न होती है। उन्होंने गायकी में आलाप, तान, गमक, खटका, मुर्की आदि के प्रयोग की जानकारी दी। किराना घराने के इतिहास के बारे में बताया कि बड़े कलाकारों जैसे भारतरत्न भीमसेन जोशी, अब्दुल करीम खां, प्रभा अत्रे, हीराबाई बड़ोदकर आदि का इसी घराने से ताल्लुक रहा। संगीत के प्रति समर्पण को समझाते हुए उन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व को बताया। अंत में उन्होंने राग मुल्तानी में निबद्ध बंदिश ‘नैनन में आन बान‘ एकताल द्रुतलय में प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर संगत सुमंत कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विभाग प्रभारी डॉ. संगीता घोष ने किया। संचालन विनोद कुमार ने और अध्यक्षता प्रो. योगेंद्र सिंह, अध्यक्ष, मानविकी संकाय ने की। 

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