बालश्रम जैसी कुरीति का खात्मा सबके सहयोग से सम्भव-श्रमायुक्त शंकुतला गौतम 

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वाराणसी। बाल श्रम उन्मूलन हेतु ‘नया सवेरा योजना‘ में प्रभावशाली व्यक्तियों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की क्षमता वृद्धि के लिए शुक्रवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के डॉ. भगवानदास केन्द्रीय पुस्तकालय स्थित समिति कक्ष में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्रमायुक्त शंकुतला गौतम ने दीप प्रज्जवलित कर किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाल श्रम कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की गई। बताया गया कि बाल श्रमिक वे हैं, जो स्थायी तौर पर वयस्कों की तरह जीवन जी रहे हैं। कम मजदूरी पर कई-कई घंटे ऐसी कार्य-दशाओं में काम करते हैं, जिनसे उनका स्वास्थ्य खराब होता है और शारीरिक एवं मानसिक विकास रूक जाता है। बाल श्रम रेस्क्यू के उपरान्त बच्चों का फालोअप बराबर किया जाय और उसे शासन की योजनाओं से लाभान्वित कर पुनर्वासित कराया जाये।

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स्टेट रिसोर्स सेल श्रमायुक्त कार्यालय, कानपुर के सैय्यद रिजवान अली द्वारा बताया गया कि वालेंटियर्स एवं समाज कार्य विभाग के छात्र अपने आस-पास ध्यान रखें कि कोई बच्चा कार्य करता न पाया जाय। रिजवाना परवीन मंडलीय कन्सल्टेंट यूनिसेफ, निरूपमा सिंह बाल सरंक्षण अधिकारी, राजीव सिंह एनजीओ डॉ. शम्भूनाथ शोध संस्थान आदि वक्ताओं ने बाल श्रम, बाल विवाह, महिला उत्पीडन आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को हेल्प लाइनों के बारे में जानकारी दी गयी। कहा गया कि यदि कहीं भी बच्चा पाया जाय तो पेन्सिल पोर्टल एवं 1098 हेल्प लाइन पर सूचना दी जाय जिससे कार्यवाही हो। अपर श्रमायुक्त मधुर सिंह ने कहाकि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से कार्य लिया जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित है।

श्रम प्रवर्तन अधिकारी जौनपुर मानसिंह ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठान जिन पर बाल श्रमिक कार्य करता हुआ पाया जाय तो उसकी सूचना दें। जन समान्य के सहयोग से ही बाल श्रम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सकता है। उन्होंने श्रम विभाग की योजनाओं कामगार पुत्री विवाह योजना, संत रविदास शिक्षा सहायता योजना, गम्भीर बीमारी योजना, बाल श्रमिक विद्या योजना, ई-श्रम, प्रधानमंत्री मानधन पेंशन योजना आदि योजनाओं की जानकारी दी गयी। विशिष्ट अतिथि अनिल चौधरी समाज कार्य विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने कहा कि श्रम विभाग नया सवेरा योजना में चिन्हित हॉट-स्पॉटों में बाल श्रम जैसी गम्भीर समस्या को समाप्त करने के लिए सबको मिलकर कार्य करना होगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अध्यक्ष, सीडब्लूसी, श्रम विभाग, बाल संरक्षण अधिकारी, वन स्टाप सेण्टर, एएचटीयू विभाग के अधिकारी, चाइल्ड लाइन, एनजीओ मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के प्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं आदि रहे। संचालन शिवम त्रिपाठी एवं अमिनुद्दीन ने किया।

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