चंडीगढ साइबर क्राइम थाने का मामला: जोधपुर में पकडे साइबर ठगी के तीन आरोपित

चंडीगढ साइबर क्राइम थाने का मामला: जोधपुर में पकडे साइबर ठगी के तीन आरोपित


जोधपुर, 21 सितंबर (हि.स.)। कमिश्नरेट की जिला स्पेशल टीम पूर्व ने चंडीगढ के साइबर थाने में दर्ज एक प्रकरण में साइबर ठगों के गिरोह को जोधपुर में पकडा है। चंडीगढ साइबर क्राइम पुलिस की सूचना पर स्थानीय डीएसटी टीम ने उनके घरों पर दबिश देकर पकडा। पकडे गए तीन अभियुक्तों के बैंक खातों में साढे चार लाख का ऑनलाइन ट्राजेक्शन मिला है। इनके पास से पुलिस ने 15 मोबाइल भी बरामद किए है।

पुलिस उपायुक्त पूर्व डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि साइबर क्राइम थाना चंडीगढ में 3 सितंबर को सेक्टर डी -21 चंडीगढ निवासी अरविंद कुमार की तरफ से केस दर्ज कराया गया था। इसके अनुसार उसके मोबाइल पर ऑनलाइन लिंक भेजा गया था। लिंक एक्सेस करने पर 35 सौ रुपये की लोन राशि इंगित हुई थी। उसे लोन नहीं चाहिए था तब उसने ऐप अन स्टाल कर दिया। मगर उसके बाद विभिन्न नंबरों से कॉलिंग मैसेज धमकी भरे आते रहे।

पुलिस उपायुक्त पूर्व डॉ. दुहन ने बताया कि साइबर ठगी का यह प्रकरण चंडीगढ साइबर क्राइम थाने में दर्ज हुआ। इसकी जांच चंडीगढ साइबर सैल के एसआई परमिंदर सिंह द्वारा की जा रही थी। शातिर लोगों ने पंजाब नेशनल बैंक में प्राइवेट लिमिटेड खाता कंपनी कॉरपोरेट के नाम से खोल रखा था। इस खाते में शातिर द्वारा की गई ऑन लाइन ट्रांजेक्शन की राशि साढे चार लाख का भी पता लगा है।

डीसीपी पूर्व डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि इस प्रकरण में बनाड स्थित जाटों का बास निवासी अशोक कुमार पुत्र पीराराम जाट, गाजीपुर उत्त्तरप्रदेश हाल अजमेर वैशाली नगर हाल मुजासर चौराहा बनाड निवासी शशिकांत पुत्र हंसराज यादव एवं कुडी हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 4 पी-43 निवासी चंद्र सागर पुत्र सांवरलाल बैरवा को पकडा गया है।

पीएनबी मेें खुलवाया लाइफ इंडिया 0010 प्राइवेट लिमिटेड के नाम से:

आरोपियों से पडताल में सामने आया कि इन लोगों ने पीएनबी में लाइफ इंडिया 0010 नाम से प्राइवेट लिमिटेड खाता खुलाया। इनके अन्य खाते इसी तरह यस बैंक एवं एक्सिस में भी खेाले गए है। जिस बारे में चंडीगढ पुलिस की तरफ से जांच की जा रही है।

साइबर ठगी के प्रकरण में संभवत: पुलिस की पहली बडी सफलता है जोकि इस तरह का खुलासा हुआ है। साइबर ठगी मोबाइल ऐप पर एक लिंक मैसेज भेजते है। ऑनलाइन लोन लिंक एप को एक्सेस किए जाने पर लोन राशि की स्वीकृत करते है। लोन दिए जाने के बाद सप्ताह भर में ब्याजमय राशि चुकानी होती है। राशि नहीं दिए जाने पर बार बार आपके परिचितों और रिश्तेदारों को कॉलिंग कर परेशान करते है। उन्हें मैसेज के जरिए आपको चोर आदि शब्दों से संबोधित किया जाता है। शातिर इतने तेज है कि आपके मोबाइल का संपूर्ण डेटा इनके हाथ चला जाता है। यह आपके लोकेशन तक जानकारी अपने पास में रखते है। न्यूड फोटो वीडियो से ब्लैकमेल करना भी शुरू कर देते है। लोगबाग लोकलाज से बचने के लिए शातिरों के बताए अनुसार खातों में रूपए डालते रहते है।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

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