बीएचयू के प्राणी विज्ञान विभाग में 7 दिवसीय कार्यशाला, ड्रोसोफिला तकनीकी पर करेंगे चर्चा 

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वाराणसी। बीएचयू प्राणी विज्ञान विभाग में सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के महाविद्यालयों के शिक्षक भाग लेंगे। कार्यशाला में जीव विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर के उपयोग पर चर्चा होगी। 

इस जानकारी का प्रसार करना है ताकि युवा शोधकर्ताओं को फ्लाई तकनीक में कुशल बनाया जा सके और वे भविष्य में उत्कृष्ट अनुसंधान कर सकें। प्रशिक्षण कार्यशाला प्राणि विज्ञान विभाग की साइटोजेनेटिक्स प्रयोगशाला में स्थापित “ड्रोसोफिला तकनीक के इस्तेमाल हेतु शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र” में आयोजित की जा रही है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, द्वारा इस केन्द्र की स्थापना के लिए पांच वर्ष की अवधि के दौरान दो करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी जा रही है। यह प्रयोगशाला अपने उच्च कोटि के अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है। 

विश्वविद्यालय स्थित विज्ञान संस्थान में विशिष्ट आचार्य प्रो. एससी लखोटिया इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक हैं तथा सहायक आचार्य डॉ. ऋचा आर्य एवं डॉ. बामा चरण मंडल सहायक मुख्य अन्वेषक हैं। वे भारत सरकार के डीबीटी ‘स्टार’ कॉलेज योजना के तहत कक्षा में पाठन हेतु ड्रोसोफिला तकनीक के प्रयोग में शिक्षकों व अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। केन्द्र शोधार्थियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता की अध्ययन सामग्री भी तैयार करेगा। प्रो. लखोटिया ने बताया कि अगले पांच वर्ष की अवधि में केन्द्र 15 प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करेगा। इसमें शिक्षक व युवा वैज्ञानिक ड्रोसोफिला मॉडल की आधुनिक तकनीकों के बारे में सिखेंगे।

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