वाराणसी की 46 ग्राम पंचायतें होंगी टीबी मुक्त, स्वास्थ्य व राजस्व विभाग ने तैयार की रूपरेखा, सत्यापन समितियां गठित
वाराणसी। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त बनाए जाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जनपद के आठ ब्लॉकों की 46 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने के लिए चिह्नित किया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य व राजस्व विभाग ने रूपरेखा तैयार की है।
सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाए जाने के लिए स्वास्थ्य एवं पंचायती राज विभाग पूर्ण रूप से तैयार व सक्रिय हैं। शासन स्तर से प्राप्त विभिन्न दिशा-निर्देशों के क्रम में जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) के सहयोग से इस अभियान को पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन से निर्धारित छह मानकों को पूरा कर प्रथम चरण में सभी 46 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के आठ ब्लॉक से 46 ग्राम पंचायतों को चिह्नित किया गया है।
इन ब्लाकों की ग्राम पंचायतें चयनित
अराजीलाइन से 7, बड़ागांव से 5, चोलापुर से 2, चिरईगांव से 5, हरहुआ से 10, काशी विद्यापीठ से 4, पिंडरा से 8 व सेवापुरी से 5 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया। इस कार्य में पंचायती राज विभाग व अन्य विभागों का सहयोग लिया जाएगा। क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अभियान के अंतर्गत चिह्नित ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाए जाने के लिए जनपद स्तरीय तीन सत्यापन समिति का गठन किया गया है। ब्लॉक स्तर पर गठित समितियों की ओर से चिह्नित ग्राम पंचायतों एवं उनके आंकड़ों का भौतिक सत्यापन का कार्य पूर्ण किया जाएगा।
एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) संजय चौधरी ने बताया कि जनपद स्तरीय सत्यापन टीम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अध्यक्ष एवं जिला क्षय रोग अधिकारी को सहयोजक नामित किया गया है। जनपद स्तरीय सत्यापन कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य जिला पंचायती राज अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य, जिला क्षय रोग अधिकारी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधि, मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रतिनिधि एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुए टीम का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में दो जनपद स्तरीय अधिकारियों (प्रथम सदस्य के रूप में चिकित्सा अधिकारी, आईएमए के प्रतिनिधि, मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रतिनिधि, द्वितीय सदस्य के रूप में डीपीआरओ, एडीपीआरओ, उप डीपीआरओ एवं अन्य विभाग के प्रतिनिधि) को सम्मिलित किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक टीम को एनटीईपी के सदस्य फैसिलिटेटर के रूप में सहयोग प्रदान करेंगे। इन टीमों द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
ये होंगे छह मानक
• संभावित टीबी जांच की संख्या (प्रति 1000 की आबादी पर),
• टीबी नोटिफिकेशन दर (प्रति 1000 की आबादी पर),
• टीबी उपचार की सफलता दर,
• दवा संवेदनशीलता जांच की दर,
• निक्षय पोषण योजना
• टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी मरीजों को प्राप्त पोषण संबंधी सहायता
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