वर्चुअल पोषण पाठशाला में 3600 आंगनवाड़ी केंद्र जुड़े, 45 हजार कर्मचारियों ने समझा संतुलित आहार का महत्व 

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वाराणसी: 'ऊपरी आहार, सही व्यवहार' विषय पर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से आयोजित वर्चुअल पोषण पाठशाला में 3600 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हुए। कार्यकर्ता, सहायिकाओं सहित 45 हजार से अधिक लाभार्थी कार्यक्रम का हिस्सा बने। 

जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि पोषण अभियान के अंतर्गत निरंतर वर्चुअल पोषण पाठशाला के जरिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है, ताकि वह घर-घर जाकर गर्भवती और महिलाओं को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार के संबंध में जागरूक करें।

शुक्रवार को कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि सर्वांगीण और तेजी से विकास के लिए आहार में विविधता जरूरी है, इसलिए सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, वसा, सोडियम, पोटैशियम, सल्फर, मैग्नीशियम, जिंक, कैल्शियम युक्त आहार देना बहुत जरूरी है। 

उन्होंने बताया कि छह माह के बच्चों को स्तनपान के साथ सूक्ष्म पोषक तत्व युक्त आहार देना है। वहीं दो साल से ऊपर के बच्चों को किसी भी प्रकार का जंक फूड नहीं खिलाना है। इससे उनकी पाचन शक्ति पर बुरा असर पड़ेगा, साथ ही उनके विकास की गति भी धीमी पड़ जाएगी।

इस सत्र में एसजीपीजीआई लखनऊ की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य, पोषण विशेषज्ञ आईआईटी मुंबई से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रूपल दलाल, महाराष्ट्र से पोषण विशेषज्ञ दीपाली फरगड़े और राज्य स्तरीय प्रशिक्षक आईएम ओझा व प्रवीण दुबे ने अपने विचार रखे।

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