वाराणसी की 258 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त, उत्कृष्ट काम करने वाले प्रधान सम्मानित

कार्यक्रम में उन 20 ग्राम पंचायतों को विशेष रूप से रजत रंग की गांधी जी की प्रतिमा और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, जो लगातार दूसरे वर्ष भी टीबी मुक्त बनी रहीं। इसके अतिरिक्त, ग्राम प्रधान संघ वाराणसी के अध्यक्ष की ग्राम पंचायत भीष्मपुर, सेवापुरी को ब्रांज रंग की गांधी प्रतिमा और सर्टीफिकेट देकर विशेष सम्मान प्रदान किया गया। कुल 21 ग्राम प्रधानों को इस विशेष श्रेणी में सम्मानित किया गया।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि यह सफलता स्वास्थ्य विभाग, ग्राम प्रधानों और समुदाय के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है और सही समय पर इलाज और दवाओं के नियमित सेवन से यह बीमारी पूरी तरह ठीक की जा सकती है।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने ग्राम प्रधानों के प्रयासों की सराहना की। कहा कि मासिक ग्राम सभाओं में टीबी को लेकर जागरूकता फैलाना चाहिए ताकि लोगों के बीच मौजूद सामाजिक भ्रांतियां दूर की जा सकें। उन्होंने बताया कि अब अगला लक्ष्य संचारी रोग मुक्त ग्राम पंचायतें बनाना है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने के लिए शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार प्रत्येक 1000 आबादी पर 30 सैंपल की जांच, एक से कम सक्रिय मरीज, उपचार की सफलता दर 85% से अधिक, निक्षय पोषण योजना से लाभान्वित मरीज और निक्षय मित्र के माध्यम से पोषण पोटली प्राप्त होना आवश्यक है।
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जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने बताया कि जिले में कुल 694 ग्राम पंचायतें हैं। वर्ष 2023 में 46 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त घोषित हुई थीं, जिनमें से 20 पंचायतें वर्ष 2024 में भी इस स्थिति को बनाए रखने में सफल रहीं। 2024 में 264 पंचायतों ने आवेदन किया था, जिनमें से 258 ने निर्धारित मानकों को पूरा किया और अर्ह पाई गईं। डॉ. राय ने बताया कि तीन साल तक टीबी मुक्त रहने वाली ग्राम पंचायतों को स्वर्ण रंग की गांधीजी की प्रतिमा और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।