संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 15 दिवसीय कार्यशाला, संग्रहालय के प्रशासन, प्रबंधन व पर्यटन पर चर्चा
वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शनिवार को 15 दिवसीय संग्रहायल : प्रशासन, प्रबंधन और पर्यटन विषयक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने संग्रहालयों की उपयोगिता व उनकी प्रासंगिकता पर विचार रखे। संग्रहालयों को इतिहास का मूर्त रूप संग्रह बताया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक एवं पौराणिक मंगलाचरण, मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा मंच पर आसीन अतिथियों का माला, दुपट्टा एवं स्मृति चिह्न देकर स्वागत, अभिनंदन किया गया। कुलपति ने कहा कि संग्रहालय, इतिहास का मूर्त रूप में संग्रह है, जो देश की अमूल्य धरोहरों को संग्रहित करता है। संग्रहालय एक संस्थान है, जो कलात्मक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या वैज्ञानिक महत्व की कृतियों और अन्य वस्तुओं के संग्रह की देखभाल और प्रदर्शन करता है। इस विश्वविद्यालय में सीमित संसाधनों में भी असीमित कार्य करने की क्षमता एवं जज्बा है, जिसका परिणाम इस कार्यशाला का आयोजन है।
कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव राकेश कुमार (आईएएस) ने कहा कि संग्रहालय की कलाकृतियों पर अनुसंधान कर उसके द्वारा जनसामान्य का ज्ञानार्जन किया जाना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालयीय संग्रहालय को ऐतिहासिक मुख्य भवन में स्थानान्तरित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे यह संग्रहालय विश्व पटल पर आ सके।
संग्रहालय में लगातार नए इनोवेश की जरूरत
विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. हीरक कांति चक्रवर्ती ने कहा कि संग्रहालय में लगातार नए इनोवेशन किए जाते रहने चाहिए। वर्तमान में संग्रहालयों में एक नयी अवधारणा जनता के लिए उपलब्धता होती है। इस संग्रहालय को भी इसे अपनाना चाहिए। उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. विमल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पुस्तकों में सैद्धांतिक रूप से संग्रहालय के लिए आदर्श परिस्थितियों एवं नियमों का उल्लेख रहता है, जबकि भौतिक रूप से संग्रहालय में उससे विषम और भिन्न परिस्थितियां होती हैं, जिससे संग्रहालय कार्मिकों को निपटना होगा। उद्घाटन सत्र को उपकुलसचिव केशलाल एवं वरिष्ठ संग्रहालयविद प्रो. दुर्गानन्दन तिवारी ने भी संबोधित किया।
15 दिवसीय कार्यशाला की समय सारणी
15 दिवसीयसंग्रहालयः प्रशासन, प्रबंधन एवं पर्यटन विषयक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 4 मई मई 2024 से 18 मई 2024 तक पुरातत्व संग्रहालय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में किया जा रहा है। कार्यशाला प्रत्येक दिवस में पूर्वाह्न 11. 00 से अपराह्न 2.00 बजे तक दो सत्रों (11.00-12.30 एवं 12.30-2.00) में आयोजित किया जाएगा।
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