वाराणसी : नारकोटिक्स टीम ने गंगा कछार में बोई गई पोस्तादाना की फसल कराई नष्ट, बनती है अफीम

वाराणसी। नारकोटिक्स लखनऊ और गाजीपुर यूनिट की टीम ने चिरईगांव के सिंहवार गांव स्थित गंगा नदी कछार में बोई गई पोस्तदाना की फसल नष्ट कराया। पोस्तादाना से ही अफीम बनती है। ऐसे में नारकोटिक्स विभाग ने कार्रवाई की। हालांकि स्थानीय पुलिस और नारकोटिक्स टीम कार्रवाई से अनजान रही।
गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार शाम टीम ने गांव में छापा मारा। इस दौरान लगभग एक हेक्टेयर क्षेत्र में 15 स्थानों पर बोई गई पोस्तदाने की फसल को उखाड़कर पंचायत भवन सिंहवार में जमा कराया। बुधवार को पौधों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर गड्ढे में दबा दिया गया। नारकोटिक्स टीम के अनुसार, बोई गई जमीन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं हो सका। सिंहवार में अफीम की खेती की सूचना के बावजूद, किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे गांव में चर्चा का विषय बन गया है।
संयुक्त टीम के एक अधिकारी के अनुसार, सिंहवार गांव में पोस्तदाना की खेती की गुप्त सूचना मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। जब खेतों की जांच की गई, तो 15 स्थानों पर पोस्तदाना की खेती मिली। पौधों की जांच में किसी भी तने या फलों पर कट के निशान नहीं पाए गए, जिससे यह निष्कर्ष निकला कि इस खेती का कोई अवैध उपयोग नहीं हुआ था। स्थानीय लेखपाल ने भी बताया कि यह सरकारी भूमि है, इसलिए किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि, गांव में इस पूरी कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं।