अगर घर में बढ़ाना हो ऑक्सीजन लेबल तो लगाएं ये पौधे
कोरोना जैसी बीमारी में लोगों को ऑक्सीजन की कमी की मार झेलना पड़ा। भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोविड-19 ने लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी थी। भारत में जब कोरोना की दूसरी लहर आई तो ऑक्सीजन के लिए जमकर हंगामा हुआ। आज हम आपको घर पर ऑक्सीजन का वो तरीका बताते हैं जिसके लिए ज्यादा पैसे भी नहीं खर्च करने पड़ेंगे। अगर आप अपने घर में ये पौधे लगाते हैं तो घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ ही ये घर में ऑक्सीजन लेबल को भी बढ़ाते हैं। तो चलिए जानते हैं कौन से हैं वो पौधे -
एरेका पाम
सभी प्लांट्स में एरेका पाम वो पौधा है जो वातावरण की कार्बन डाइऑक्साइड को लेता है और फिर ऑक्सीजन छोड़ता है। यह प्लांट आसपास हवा में मौजूद खतरनाक फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को ऑब्जर्व कर लेता है। इस प्लांट की खासियत है कि यह हल्की रोशनी और कम पानी में भी उग जाता है। नासा के मुताबिक अगर आपके घर में कंधे के बराबर चार एरेका प्लांट हो तो काफी बेहतर रहता है। आप इसे अपने लिविंग रूम में रख सकते हैं।
स्नेक प्लांट
कुछ लोग इसे सास की जुबान के तौर पर भी बुलाते है। इस पौधे की खासियत यह है कि यह रात के समय में भी ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। साथ ही यह पौधा बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, ट्राईक्लोरोएथिलीन, ट्रिक्लोरो, जाइलीन, टोलुइन जैसी जहरीली गैसों को ऑब्जर्व कर लेता है। स्नेक प्लांट को आप अपने बेडरूम में रख सकते हैं। ये पौधा खिड़की से आने वाली सूरज की रोशनी में भी काफी अच्छे से उग जाता है। इसे हफ्ते में बस एक बार पानी देने की जरूरत है।
मनी प्लांट
मनी प्लांट वो पौधा है जो बहुत कम रोशनी में भी ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता रखता है। नासा की मानें तो मनी प्लांट बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन जैसी जहरीली गैसों को ऑब्जर्व करने की क्षमता रखता है। हालांकि मनी प्लांट को अक्सर बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखने के लिए कहा जाता है। माना जाता है कि ये पौधा बच्चों के लिए जहरीला होता है। अगर गलती से बच्चे या जानवर इसे खा लेते हैं तो फिर उल्टी-दस्त, मुंह और जीभ पर सूजन जैसी शिकायतें हो सकती हैं। मनी प्लांट को आप अगर हफ्ते में एक बार भी पानी देंगे तो भी यह बढ़ता रहेगा। इस पौधे को आप किसी भी कमरे में रख सकते हैं। हां इसे बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर ही रखें।
गरबेरा डेजी
गरबेरा डेजी को एक खूबसूरत होम प्लांट्स में माना जाता है। इस पौधे को कई लोग सजावट के तौर पर प्रयोग करते हैं। इस पौधे की खासियत है कि यह रात में भी ऑक्सीजन बना सकता है। नासा की एक रिसर्च के मुताबिक यह पौधा वातावरण से बेनजेन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को ऑब्जर्व कर लेता है। इस पौधे को डायरेक्ट सन लाइट की जरूरत होती है। इसलिए इसे ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां इसे कुछ घंटे तक सीधी धूप मिल सके। आपको इसे नियमित तौर पर पानी देने की जरूरत है क्योंकि अगर इसकी मिट्टी नम नहीं होगी तो फिर यह ठीक तरह से पनप नहीं पाएगा। इस प्लांट को आप बेडरूम में खिड़की के पास रख सकते हैं।
चाइनीज एवरग्रीन
यह पौधा आपको लगभगर हर किसी के घर में मिल जाएगा, धीरे-धीरे बढ़ने वाले यह पौधा 18-27 डिग्री सेल्सियस के बीच अच्छी तरह पनपता है। यह कम रोशनी में भी पनप सकता है। इनकी अधिकतम ऊंचाई 3 फीट होती है। बड़ी-बड़ी पत्तियों वाला यह पौधा वातावरण से बेनजेन और फॉर्मेल्डिहाइड को ऑब्जर्व कर लेता है। इसे रोजाना पानी देने की जरूरत नहीं है। पालतू जानवरों के लिए यह जहरीला हो सकता है इसलिए उनसे बचाकर रखें। आप इसे लिविंग रूम में रख सकते हैं।
स्पाइडर प्लांट
इस पौधे को रिबन प्लांट के नाम से भी जानते हैं। इस पौधे की ऊंचाई करीब 60 सेंटीमीटर या दो फीट तक होती है। यह पौधे 2 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड को भी सह लेते हैं। मगर नासा ने इनके लिए सबसे अच्छा तापमान 18 डिग्री से 32 डिग्री सेल्सियस तक बताया है। स्पाइडर प्लांट आसपास के वातावरण से तेजी से कार्बन मोनोऑक्साइड और जाइलीन जैसी गैसों को ऑब्जर्व कर लेते हैं। स्पाइडर प्लांट को हफ्ते में एक बार पानी देने की जरूरत होती है। लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें कि अगर मिट्टी नम है तो आप एक-या दो दिन बाद ही पानी दें। इसे आप अपने लिविंग रूम या फिर बेडरूम में सजा सकते हैं।
एलोवेरा
एलोवेरा वो पौधा है जो आपको अक्सर किसी न किसी के घर की बालकनी पर या फिर छत पर मिल जाएगा। इस पौधे से निकलने वाला जेल न सिर्फ किचन में काम आता है बल्कि यह ब्यूटी केयर का भी खजाना है। आयुर्वेद में इसके कई औषधीय फायदों का जिक्र है। इसकी पत्तियां आसपास के वातावरण से वार्निश, फ्लोर वार्निश और डिटर्जेंट्स में पाए जाने वाले बेनजेन और फॉर्मेल्डिहाइड को ऑब्जर्व कर लेती हैं। एलोवेरा धूप में यह अच्छी तरह पनपता है। इसे पानी देने की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती है। इसे आप ऐसी किसी भी जगह रख सकते हैं जहां पर धूप आती हो।
ब्रॉड लेडी पाम
इस प्लांट को बैम्बू पाम के नाम से भी जाना जाता है। ये वो रूम प्लांट है जो क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में पाए जानी वाली गैस अमोनिया को सोख लेता है। यह पौधा आसपास के वातावरण से बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को भी कम करता है। यह न सिर्फ हवा को तो साफ करता ही है साथ ही साथ उसमें ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाता है। यह पौधा 4 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। सीधी धूप से इसके पत्तों का रंग फीका पड़ जाता है। इसलिए इसे ऐसी जगह रखें जहां पर छांव हो। गर्मियों में इसे पानी देना जरूरी है बल्कि इसे रोजाना पानी देना पड़ता है।
ड्रैगन ट्री
इस प्लांट को रेड-एज ड्रैसेनिया भी कहते हैं. यह हमेशा हरा-भरा रहने वाला पौधा है। यह पौधा बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राईक्लोरोएथिलीन को सोख लेता है। इस पौधे को सूरज की रोशनी की भी जरूरत होती है। इसलिए इसे ऐसी जगह भी रखा जा सकता है जहां धूप आती हो। पानी इसकी मिट्टी में नमी के हिसाब से दे सकते हैं। आप इस पौधे को बालकनी या लिविंग रूम में ऐसी जगह पर रख सकते हैं जहां धूप आती हो।
वीपिंग फिग
यह पौधा महारानी विक्टोरिया के समय से ही काफी पसंद किया जाने वाला रूम प्लांट है। प्राकृतिक अवस्था में यह 20 मीटर तक ऊंचे हो सकते हैं। दरअसल, इनके तनों से ही जड़ें निकलने लगती हैं, जब यह जड़ लटकते हुए जमीन तक पहुंच जाती हैं तो खुद एक अतिरिक्त तना बन जाती है। इसकी पत्तियां नीचे लटकती हुई ऐसी दिखती हैं जैसे आंसू टपक रहे हों। इसलिए इसे वीपिंग ट्री नाम दिया गया है।
यह पौधा भी घर की हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोख लेता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को तेजी से ऑब्जर्व करके ऑक्सीजन रिलीज करता है। गमले या जमीन में इसकी जड़ें बहुत तेजी से फैलती हैं। यह बगीचे या मिट्टी के गमले को नुकसान पहुंचा सकती है। पालतू जानवरों को इस पौधे से एलर्जी हो सकती है। यह पौधा आमतौर पर सर्दियों में सूख जाता है।
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